आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

21 अगस्त 2015

लिखने बैठा तो

लिखने बैठा तो सोच में पड़ गया
किस हसीना की अदाओं पे लिखूं
मगर दिख गयी एक तस्वीर यारो
सोचा वतन के हालात पे लिखूं
किसी भूखे विलखते बच्चे पे लिखूं
या मरते जवान और किसान पे लिखूं
दहेज़ के लिए जलती बेटी पे लिखूं
या नशे के मारे युवा पे लिखूं
बेपरवाह औलाद पे लिखूं
या बलात्कारी जलाद पे लिखूं
लिख दूं किसी रिश्वतखोर पे
या ज़ालिम सरकार पे लिखूं
कसूरवार किसे मानू
नेता अभिनेता या अभिमान लिखूं
सोचता हूँ जब हिस्सा हूँ इस खेल का
तो क्यों ना
कसूरवारों में पहला खुद का नाम लिखूं.

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...