आपका-अख्तर खान

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23 जुलाई 2015

This is Corporate Culture.

दो वर्ष तक नौकरी करने के बाद एक व्यक्ति को समझ में आया
कि इन दो सालों में ना कोई प्रमोशन, ना ट्रांसफ़र, ना कोई तनख्वाह वृद्धि,
और कम्पनी इस बारे में कुछ नहीं कर रही है..
उसने फ़ैसला किया कि वह HR मैनेजर से मिलेगा
और अपनी बात रखेगा...

लंच टाईम में वह HR मैनेजर से मिला और उसने अपनी समस्या
रखी.. HR मैनेजर बोला, मेरे बच्चे तुमने इस कम्पनी में एक दिन
भी काम नहीं किया है... कर्मचारी भौंचक्का हो गया और बोला - ऐसा कैसे.. ?
पिछले दो वर्ष से मैं यहाँ काम कर रहा हूँ.. HR मैनेजर बोला - देखो मैं समझाता हूँ...
मैनेजर - एक साल में कितने दिन होते हैं ?
कर्मचारी - 365 या 366
मैनेजर - एक दिन में कितने घंटे होते हैं ?
कर्मचारी - 24 घंटे
मैनेजर - तुम दिन में कितने घंटे काम करते हो ?
कर्मचारी - सुबह 8.00 से शाम 4.00 तक, मतलब आठ घंटे..
मैनेजर - मतलब दिन का कितना भाग तुम काम करते हो ?
कर्मचारी - (हिसाब लगाता है) 24/8= 3 एक तिहाई भाग
मैनेजर - बहुत बढिया..अब साल भर के 366 दिनों का एक-तिहाई कितना होता है ?
कर्मचारी - (???) 366/3 = 122 दिन..
मैनेजर - तुम "वीक-एण्ड" पर काम करते हो ?
कर्मचारी - नहीं
मैनेजर - साल भर में कितने वीक-एण्ड के दिन होते हैं ?
कर्मचारी - 52 शनिवार और 52 रविवार, कुल 104
मैनेजर - बढिया, अब 122 में से 104 गये तो कितने बचे ?
कर्मचारी - 18 दिन
मैनेजर - एक साल में दो सप्ताह की"सिक लीव" मैं तुम्हें देता हूँ, ठीक ?
कर्मचारी - जी
मैनेजर - 18 में से 14 गये,
तो बचे 4 दिन, ठीक ?
कर्मचारी - जी
मैनेजर - क्या तुम मई दिवस पर काम करते हो ?
कर्मचारी - नहीं..
मैनेजर - क्या तुम 15 अगस्त,26 जनवरी और 2 अक्टूबर को काम करते हो ?
कर्मचारी - नहीं..
मैनेजर - जब तुमने एक दिन भी काम नहीं किया, फ़िर किस बात की शिकायत कर रहे हो भाई.
This is Corporate Culture.

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