आपका-अख्तर खान

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20 जुलाई 2015

अल्लाह और भगवान् लिखा जाये.

अब राम और रहमान लिखा जाये..
क्यूँ न अल्लाह और भगवान् लिखा जाये.
कर रखा खुद को हिन्दू मुस्लिम हमने..
एक हो कर चलो इंसान लिखा जाये..
अब मिटा दें नफरतों की सब कहानियाँ..
मुहब्बतों का फिर हिन्दुस्तान लिखा जाये..
तीर और तलवार की बातें बहुत हुईं..
गले मिलकर भाई को जान लिखा जाये..
जलाएँ एकता के दीप दिलों में हम..
फिर से भारत महान लिखा जाये..
चलो नफरत का मुंह काला कर दें..
साथ बैठ गीता और कुरान लिखा जाये..

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