ए देश के सच्चे पत्रकारों अब छोड़ो पत्रकारिता और जाओ मथुरा या काशी में
पेड़े बनाने का काम सीखो और बेचो,,,,,,या फिर रजत शर्मा बन जाओ,,,,पत्रकार
भी कहलाओगे और भारत रत्न,,,,,,और आने वाले समय में नोबेल भी मिल
जाएगा,,,,,,खासतौर पर ऐसे पत्रकार जो थोड़ा गरीबी और घोटालों को गंभीरता से
लेते हैं,,,,,,कम से कम ऐसे पत्रकार मध्यप्रदेश की सीमा में प्रवेश करने
से पहले मामू शिवराज को बता दें कि वो व्यापम के सिलसिले में नहीं आए हैं
सिर्फ घूमने आएं तो हो सकता है कि पूरा मध्यप्रदेश आपको फ्री आॅफ काॅस्ट
घूमने का मौका भी मिल जाए
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)