उर्दू ज़ुबान किसी एक जाति ,,किसी एक धर्म ,,किसी एक समुदाय की जुबां नहीं
,,यह अदब की ज़ुबान है ,,साहित्य की ज़ुबान है ,,ग़ज़ल ,,मौसीक़ी ,, तहज़ीब की
ज़ुबान है ,,,यह हिंदुस्तान की हिन्दुस्तान में जन्मी हिन्दुस्तानी जुबां है
,,इस उर्दू जुबां को यु गैरकानूनी तरीके से टारगेट बनाकर स्कूलों
,,कॉलेजों से खत्म करने का प्रयास कुछ एक कुंठित लोगों को छोड़कर देश का कोई
भी धर्म ,,कोई भी समाज ,,कोई भी सियासत ,,कोई भी वर्ग कतई बर्दाश्त नहीं
करेगा ,,राजस्थान में स्टाफिंग पैटर्न की आढ़ में विधि ,,नियम ,,शिक्षा
संहिता सहित खुद अपनी सरकार की कमिटी की रिपोर्ट और सिफारिशों के विपरीत
स्कूलों से उर्दू खत्म करने का प्रयास राजस्थान के किसी भी समाज ,,किसी भी
धर्म ,,किसी भी वर्ग को मंज़ूर नहीं है ,,,,,,,,,,कोटा की पचहत्तर उर्दू
पोस्टों में से सैतालीस पोस्टें समाप्त की गई है जबकि बाराह पोस्ट खाली
रखी गई है ,,,, यहां वर्तमान में केवल पन्द्राह पोस्टें रखी गयी है वोह भी
मजबूरी में ,,,,,कोटा के सभी स्कूल के प्राचार्य ,,हेडमास्टर चिंतित है के
वोह उनके स्कूल में अध्ययन रत छात्र छात्राओ को अब उर्दू किस अध्यापक से
पढ़वाए ,,,,रामगंजमंडी ,,सांगोद ,,,भंवरिया ,,अमर,, सुल्तानपुर ,, मोडक
,,टिपटा ,,, मोरपा ,,,मण्डाना ,,,विज्ञाननगर ,,चेचट ,, दरा ,, मवासा
,,केथुन ,,,कुराड ,,सिविल लाइन ,,भीमगंजमण्डी ,,छावनी ,,विज्ञाननगर
,,केवलनगर ,,भीमपुरा ,,मोईकला ,,,रामपुरा ,,किशनपुरा तकिया ,,,कुरडिया
,,रंगतालाब ,,खीम्च ,,बुढ़ाडीत ,,बपावरकला ,,श्रीपुरा सहित लगभग सभी स्कूलों
से वरिष्ठ अध्यापको के पद समाप्त किये है या फिर उर्दू बंद कर दी गई है
,,,दोस्तों राजस्थान सरकार के शिक्षा विभाग का यह पूरा कारनामा खुद अपने ही
बनाये हुए नियमों के खिलाफ है ,,,,,,,,राजस्थान सरकार ने प्रशासनिक ग्रूप
तीन विभाग के आदेश दिनांक अठाईस मई दो हज़ार चोवदह ,,,तेईस दिसम्बर दो हज़ार
चोवदाह को मानदंड निर्धारित करने वाली राजयस्तरीय कमेटी का गठन कर रिपोर्ट
तैयार करवाई थी जिसने निर्धारित मापदंड ,,विधिनियम तय कर तीस अप्रेल को
अपना मार्गदर्शन एक रिपोर्ट में तय्यार करके दिया ,संयुक्त शासन सचिव
द्वारा शैक्षणिक सुधार के लिए तय्यार की गई इस रिपोर्ट को हु बहु सरकार को
लागु करना था ,,रिपोर्ट के तहत माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्कूलों में
उर्दू विषय के मामले में स्पष्ट उल्लेख है जिस स्कूल में दस छात्र से अधिक
नामांकित है वहां उर्दू बंद नहीं की जायेगी इतना ही नहीं अगर एक सो बीस से
अधिक छात्र है तो एक अतिरिक्त व्याख्याता ,,अध्यापक दिया जाएगा ,,लेकिन
टिपटा ,,महारानी ,,लाडपुरा ,, भीमगंजमण्डी ,,विज्ञाननगर सहित सभी स्कूलों
में उर्दू पढ़ने वाले छात्रों की संख्या दस से अधिक ही नहीं बल्कि बहुत अधिक
है कहीं पचास तो कहीं साथ ,,तो कहीं डेढ़ सो ,,तो कहीं तीन सो छात्र उर्दू
में नामांकित है ऐसे में द्दूसरे विषयों के नामांकनों के साथ छात्रों की
संख्या हज़ारो में है फिर भी टारगेट बनाकर योजनाबद्ध तरीके से उर्दू के साथ
विधि विरुद्ध तरीके से खुद अपने नियमों की मर्यादाये तोड़कर विश्वासघात
किया जा रहा है ,,,सरकार में बैठे कुछ नौसिखियों की इस साज़िश से पूरा
राजस्थान उद्धेलित है खुद भाजपा के मंत्री विधायक ,, कार्यकर्ता चिंतित है
,, मुख्यमंत्री कार्यालय की समीक्षा में भी यह सभी ट्रांसफर विधिविरुद्ध
साबित हुए है इसीलिए झालावाड़ जिला जो मुख्यमंत्री का गृह जिला है उस हद तक
इस मनमानी को रोक कर संशोधित सूचि जारी की गई है ,,बारां में भी इसी तरह
मुख्यमंत्री के पुत्र का संसदीय क्षेत्र होने से संशोधित सूचि जारी की गई
है ,,,,,,,,,,उर्दू से जुड़े लोग तो सो रहे है उन्हें तो इस मामले में कुछ
भी लिखना तो मंज़ूर नहीं ,,बोलना मंज़ूर नहीं लेकिन पढ़ने तक में उन्हें
आपत्ति हो रही है ,,लेकिन दूसरे समाज के लोग उर्दू को बचाने के लिए आगे आये
है और अगर वक़्त रहते सरकार ने गलती नहीं सुधारी तो सरकार आपके द्वार
कार्यक्रम के तहत सरकार के कोटा आगमन पर कोटा के लोग सरकार को सड़कों पर
घेरेंगे ,,,सरकार का कामकाज जाम करेंगे ,,,,,, अख्तर खान अकेला कोटा
राजस्थान
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)