योग योग चिल्लाने वालो के लिये योगा के फायदे जानें.
नमाज अदा करने के दौरान होने वाली मूवमेंट शरीर को कुछ
इस तरह से चुस्त दुरुस्त रखती है-
1- नियत बांधने का वैज्ञानिक फायदा-जब दायां हाथ बांये
हाथ पर रखते हैं, दायीं हथेली के अंगुठे व तर्जनी से बांये
हाथ की कलाई के छोर पर दबाव बना कर नाभि के पास
उसे रखने से पूरा नर्वस सिस्टम रिलेक्स होता है। प्रेम को
बढ़ावा मिलता है और ध्यान लगता है। ये एक्सरसाइज रीढ
की हड्डी को रिलेक्स करता है। मसल्स कोआर्डिनेशन को
संतुलित करता है।
2- रूकू अर्थात झुकना या अर्द्घशीर्षासन-यह स्थिति
कमर की मांसपेशियों को मजबूत करती है। हैमिस्ट्रिंग व
काफ मसल्स को मजबूत मिलती है और दर्द से राहत
मिलती है। ये क्रिया घुटने के लुब्रिकेंट गूदे को मोबिलाइज
कराती है।
3- खड़े होना दोबारा-इसमें नार्मल सांस ली जाती है यानि
कि योगा की भाषा में क्रिया कहा जाता है। मस्तिष्क को
आराम मिलता है।
4- सजदा पढ़ते वक्त आधा शीर्षासन। इसके जरिये दिमाग
तेज होता है। ब्लड सर्कुलेशन तेज होता है। आंख, नाक व
कान की बीमारियों से बचाव, सिर में दर्द और चक्कर आने
से राहत मिलती है।
पाचन क्रिया दुरुस्त होने से जैसे शारीरिक फायदे।
5- बृजासान जैसी पोजीशन में बैठना- पाचन दुरुस्त करता
है। आमतौर पर इसे खाना खाने के बाद किया जाता है,
जिससे शरीर अम्लीय क्षार को सही तरीके से छोड़ता है।
वायु और कब्ज के विकार को दूर करने में बेहद मददगार।
6- प्रथमा अंगुली को ऊपर उठाना-अंगुली उठाने से ब्लड
प्रेशर संतुलित होता है। पूरे शरीर को बड़ी राहत मिलती है।
7- सलाम फेरना या गर्दन को बांयी से दांयी ओर घूमना-
सरवाइकल के दर्द के लिये सबसे बेहतर एक्सरसाइज-
गर्दन की मांसपेशियां मजबूत होती है तथा टिप्रीजियस
मसल्स को मजबूत और सक्रिय करता है। जिससे कंधे की
तमाम बीमारियों से मुक्ति मिलती है और उसकी मोबिलिटी
को बढ़ाता ह
नमाज अदा करने के दौरान होने वाली मूवमेंट शरीर को कुछ
इस तरह से चुस्त दुरुस्त रखती है-
1- नियत बांधने का वैज्ञानिक फायदा-जब दायां हाथ बांये
हाथ पर रखते हैं, दायीं हथेली के अंगुठे व तर्जनी से बांये
हाथ की कलाई के छोर पर दबाव बना कर नाभि के पास
उसे रखने से पूरा नर्वस सिस्टम रिलेक्स होता है। प्रेम को
बढ़ावा मिलता है और ध्यान लगता है। ये एक्सरसाइज रीढ
की हड्डी को रिलेक्स करता है। मसल्स कोआर्डिनेशन को
संतुलित करता है।
2- रूकू अर्थात झुकना या अर्द्घशीर्षासन-यह स्थिति
कमर की मांसपेशियों को मजबूत करती है। हैमिस्ट्रिंग व
काफ मसल्स को मजबूत मिलती है और दर्द से राहत
मिलती है। ये क्रिया घुटने के लुब्रिकेंट गूदे को मोबिलाइज
कराती है।
3- खड़े होना दोबारा-इसमें नार्मल सांस ली जाती है यानि
कि योगा की भाषा में क्रिया कहा जाता है। मस्तिष्क को
आराम मिलता है।
4- सजदा पढ़ते वक्त आधा शीर्षासन। इसके जरिये दिमाग
तेज होता है। ब्लड सर्कुलेशन तेज होता है। आंख, नाक व
कान की बीमारियों से बचाव, सिर में दर्द और चक्कर आने
से राहत मिलती है।
पाचन क्रिया दुरुस्त होने से जैसे शारीरिक फायदे।
5- बृजासान जैसी पोजीशन में बैठना- पाचन दुरुस्त करता
है। आमतौर पर इसे खाना खाने के बाद किया जाता है,
जिससे शरीर अम्लीय क्षार को सही तरीके से छोड़ता है।
वायु और कब्ज के विकार को दूर करने में बेहद मददगार।
6- प्रथमा अंगुली को ऊपर उठाना-अंगुली उठाने से ब्लड
प्रेशर संतुलित होता है। पूरे शरीर को बड़ी राहत मिलती है।
7- सलाम फेरना या गर्दन को बांयी से दांयी ओर घूमना-
सरवाइकल के दर्द के लिये सबसे बेहतर एक्सरसाइज-
गर्दन की मांसपेशियां मजबूत होती है तथा टिप्रीजियस
मसल्स को मजबूत और सक्रिय करता है। जिससे कंधे की
तमाम बीमारियों से मुक्ति मिलती है और उसकी मोबिलिटी
को बढ़ाता ह
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