आपका-अख्तर खान

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30 जून 2015

मन ऐसा रखो कि

: जीवन बहुत सुंदर है
इसे और सुंदर बनाओ।
मन ऐसा रखो कि
किसी को बुरा न लगे।
दिल ऐसा रखो कि
किसी को दुःखी न करें।
स्पर्श ऐसा रखो कि
किसी को दर्द न हो।
रिश्ता ऐसा रखो कि
उसका अंत न हो।

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