चैन मिलता है मुझको रोने से
उनको कुछ फर्क ही नहीं पड़ता
मेरे होने से या न होने से
कुछ भी होगा न अब तुम्हे हासिल
ख़वाब बंजर ज़मीं में बोने से
तेरी किस्मत बदल न पाएगी
रात दिन सिर्फ़ रोने धोने से
देखो मिलती है कब निजात सिया
लाश काँधे पे अपनी ढोने से
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
एक एक शेर दिल से निकला हुआ सा लगता है
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