योगा दिवस के दिन एक बच्चे ने योगा नहीं किया ,,,टीचर जी ने उसे डांट पिलाई
,,फिर सज़ा दी लेकिन बच्चे ने फिर योगा नहीं किया ,,,परेशान होकर टीचर जी
ने बच्चे से योगा नहीं करने का कारण पूंछा ,,,बच्चे ने बढ़ी मासूमियत से
जवाब दिया ,,,टीचर जी मेने तो जो देखा जो समझा ,,योगा करने वाले गुरु
झूंठे और झूंठे वायदे करने वाले होते है ,,,इसीलिए योगा अगर झूंठ बोलने और
झूंठे वायदे करने वाले कर रहे है तो में इस झूंठ से बचना चाहता हूँ
,,क्योंकि में देश का भविष्य हूँ मुझे मेरे देश ,,मेरे देश के लोगों
की फ़िक्र है ,,,मेरा योगा ,,मेरा ईमान ,, मेरा धर्म दिखावा नहीं ,,,में घर
पर जो भी मज़हबी प्रार्थना करना होती है बंद कमरे में करता हूँ किसी को
दिखावा नहीं करता ,,,,क्योंकि योग गुरु में से कुछ के वायदे ,,जनता को दिए
गए भुलावे निजी हितकारी ,,सत्ता के लालची ,,सियासी ,,कार्यवाहियां साबित
हुई है और ऐसा सियासी योगा जो जनता से झूंठ बुलवाये मुझे नहीं चाहिए ,,टीचर
जी समझ गए के बच्चे का इशारा किस योग गुरु और किस योग गुरु के आक़ा सियासी
सिरमौर की तरफ है ,,,,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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