मोदी का 'संघ' को सीधा संदेश, अल्पसंख्यकों पर हिंसा बर्दाश्त नहीं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ अपनी पार्टी के कुछ नेताओं की टिप्पणी को 'दुर्भाग्यपूर्ण' बताया है। उन्होंने कहा कि संविधान में सभी नागरिकों को धार्मिक आजादी का अधिकार दिया गया है और इस पर किसी तरह का समझौता नहीं हो सकता। साथ ही, किसी भी समुदाय के खिलाफ हिंसा को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मोदी के बयान से आरएसएस ने यह कहते हुए पल्ला झाड़ा है कि यह उनके संदर्भ में नहीं कहा गया है।
न्यूज एजेंसी यूएनआई को दिए इंटरव्यू में मोदी ने कहा, 'कुछ दुर्भाग्यपूर्ण टिप्पणियां की गई हैं, जो पूरी तरह अनुचित थीं। हमारा संविधान हर नागरिक के लिए धार्मिक आजादी की गारंटी देता है और इस पर किसी तरह का समझौता नहीं हो सकता। मैंने पहले भी कहा है और एक बार फिर कह रहा हूं, 'किसी भी समुदाय के खिलाफ भेदभाव या हिंसा को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस पर मेरा रुख काफी साफ है सबका साथ, सबका विकास।' प्रधानमंत्री उस सवाल का जवाब दे रहे थे, जिसमें उनसे पूछा गया था कि पार्टी में मौजूद सांप्रदायिक तत्वों पर वह किस तरह से लगाम कसेंगे।
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पीएम ने कहा कि उनकी सरकार धर्म या जाति को ध्यान में रखे बगैर सभी 1.25 अरब भारतीयों के लिए है। सरकार इन सभी लोगों की प्रगति के लिए हर मुमकिन कोशिश करेगी। मोदी ने कहा, 'हमारे देश में सभी पंथ को समान अधिकार है। सभी पंथ न सिर्फ कानून के सामने बराबर हैं, बल्कि समाज में भी ऐसा ही है। मेरी सरकार का फोकस गवर्नेंस और डिवलेपमेंट पर है। हमारा मुख्य पॉइंट काफी साफ है- विकास, विकास, विकास; रोजगार, रोजगार, रोजगार।'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ अपनी पार्टी के कुछ नेताओं की टिप्पणी को 'दुर्भाग्यपूर्ण' बताया है। उन्होंने कहा कि संविधान में सभी नागरिकों को धार्मिक आजादी का अधिकार दिया गया है और इस पर किसी तरह का समझौता नहीं हो सकता। साथ ही, किसी भी समुदाय के खिलाफ हिंसा को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मोदी के बयान से आरएसएस ने यह कहते हुए पल्ला झाड़ा है कि यह उनके संदर्भ में नहीं कहा गया है।
न्यूज एजेंसी यूएनआई को दिए इंटरव्यू में मोदी ने कहा, 'कुछ दुर्भाग्यपूर्ण टिप्पणियां की गई हैं, जो पूरी तरह अनुचित थीं। हमारा संविधान हर नागरिक के लिए धार्मिक आजादी की गारंटी देता है और इस पर किसी तरह का समझौता नहीं हो सकता। मैंने पहले भी कहा है और एक बार फिर कह रहा हूं, 'किसी भी समुदाय के खिलाफ भेदभाव या हिंसा को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस पर मेरा रुख काफी साफ है सबका साथ, सबका विकास।' प्रधानमंत्री उस सवाल का जवाब दे रहे थे, जिसमें उनसे पूछा गया था कि पार्टी में मौजूद सांप्रदायिक तत्वों पर वह किस तरह से लगाम कसेंगे।
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पीएम ने कहा कि उनकी सरकार धर्म या जाति को ध्यान में रखे बगैर सभी 1.25 अरब भारतीयों के लिए है। सरकार इन सभी लोगों की प्रगति के लिए हर मुमकिन कोशिश करेगी। मोदी ने कहा, 'हमारे देश में सभी पंथ को समान अधिकार है। सभी पंथ न सिर्फ कानून के सामने बराबर हैं, बल्कि समाज में भी ऐसा ही है। मेरी सरकार का फोकस गवर्नेंस और डिवलेपमेंट पर है। हमारा मुख्य पॉइंट काफी साफ है- विकास, विकास, विकास; रोजगार, रोजगार, रोजगार।'
मोदी और उनके सहयोगियों ने जहां पिछले एक साल के दौरान एनडीए सरकार के
डिवेलपमेंट एजेंडे और भारतीय इकनॉमी की ग्रोथ को प्रमुखता से पेश करने
कोशिश की है, वहीं निरंजन ज्योति और साक्षी महाराज जैसे बीजेपी नेताओं के
विवादास्पद बयानों के कारण सरकार की उपलब्धियों से लोगों का ध्यान भटका है।
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