आर एस एस के मोहन भागवत नमाज़ की प्रशंसा करते है ,,मोहम्मद स अ व को सबसे बढ़ा योग गुरु स्वीकार करते है ,,,,मध्यप्रदेश में ईद के दौरान आर एस एस के पूर्व प्रमुख ईदगाह पर जाकर नमाज़ पढ़ने की ज़िद करते है ,,,खुद गृहमंत्री राजनाथ सिंह नमाज़ को बहतरीन योगा क़रार देते है बस इस तरह की बयानबाज़ी का ही नतीजा है के नमाज़ और योगा में योग गुरु बाबा रामदेव ने जंग छिड़वा दी और खुद को देश से ऊपर साबित करने के लिए योगा योगा का विवाद शुरू कर दिया ,,,दोस्तों नमाज़ में नियत ना हॉ और केवल नमाज़ का एक्शन हो तो वोह योगा है लेकिन उसमे इबादत हो ,,,आयतों का बयान हो तो वोह दिमाग और शरीर दोनों का योगा और इबादत होने से नमाज़ है ,,इसी तरह से योगा में अगर श्लोक हो सूर्य की परस्तिश हो तो वोह सूर्यनमस्कार है लेकिन अगर इस योगा में केवल व्यायाम हो तो यह सिर्फ योगा है ,,,,,,,,अख्तर
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