दोस्तों दिल्ली में दिल्ली की जनता ने एक जुट होकर दिल्ली में लोकतंत्र
बहाली के लिए वोट दिया ,,लेकिन अफ़सोस केंद्र सरकार के बिठाए गए पिट्ठू एल
जी साहब ने दिल्ली के लोकतंत्र की हत्या ही कर दी ,,,दिल्ली में एक
मुख्यमंत्री की बिसात जो विश्व में सर्वाधिक सीटों पर सर्वाधिक वोटों से
जीत कर आया है उसकी कोई औक़ात नहीं ,,पुलिस उसके कहने में नहीं ,,अधिकारीयों
का ट्रांसफर करने उन्हें दंडित करने का उसे अधिकार नहीं ,,इस पर सीना जोरी
देखिये ,,,अधिकारीयों की औक़ात देखिये दिल्ली की करोड़ों जनता के
वोट शक्ति को ललकार रहे है और दिल्ली में बैठे प्रधानमंत्री इस सब तमाशे
को ,,इस लोकतंत्र की हत्या को देख रहे है ,,दिल्ली आज भी दिल्ली की गुलाम
है ,,दिल्ली में आज भी शासन नहीं सिर्फ कठपुतली है ,,एक अधिकारी ,,एक
दिल्ली केंद्र सरकार का गुलाम दिल्ली के मुख्यमंत्री से अपराधी सा व्यवहार
करता है ,,,,,, आखिर दूसरे राज्यों की तरह से दिल्ली को आज़ाद क्यों नहीं
किया जाता ,,क्यों दिल्ली गुलाम है ,,,जनता के लिए एक ज्वलंत सवाल है
,,केंद्र में बैठे लोग जो लोकतंत्र का दम्भ भरते है क्यों और किसलिए दिल्ली
को बेबस ,,लाचार किये हुए है ,,,,शायद दिल्ली के करोडो वोटर्स का मान
सम्मान ,,दिल्ली के लोकतंत्र की बहाली उनके मन में नहीं है ,,लेकिन जब भी
दिल्ली इस गुलामी से आज़ादी की अंगड़ाई लेगी उसी दिन केंद्र में बैठी सत्ता
ताश के पत्तो की तरह बिखर कर जल जायेगी और दिल्ली में लोकतंत्र बहाली के
साथ एक बार फिर जनता के लिए जनता द्वारा चुने गए लोगों का शासन जनता की
मर्ज़ी से चलने वाला आएगा ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा
राजस्थान
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