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07 मई 2015

हाड़ोती पत्रकारिता के भीष्म पितामह भंवर शर्मा अटल

हाड़ोती पत्रकारिता के भीष्म पितामह भंवर शर्मा अटल के निधन से राजस्थान की संघर्षशील पत्रकारिता को अपूरणीय क्षति पहुंची है ,,लेकिन उनके पुत्र द्वारा उनकी देहदान के बाद वोह मेडीकल साइंस में हमेशा एक यादगार बनकर हमारे साथ हमारे बीच रहेंगे ,,
हाड़ोती पत्रकारिता के भीष्म पितामह भंवर शर्मा अटल को कौन नहीं जानता ,,,,विज्ञान के इस कम्प्यूटर युग के पत्रकारिता के परिवर्तन दौर में अजा भी भवंर शर्मा अटल की पत्रकारिता गाइड लाइन जस की तस है ,,और उनके दैनिक समाचार पत्र जननायक में प्रशिक्षित पत्रकारों की एक लम्बी फौज पुरे राजस्थान में अपनी प्रतिभा दिखा रही है ,,,जी हाँ दोस्तों खाण्डल विप्र ब्राह्मण परिवार में पन्द्राह मई उन्नीस सो बयालीस में जयपुर के पास जन्मे भंवर शर्मा अटल बालपन से ही संवेदनशील ,,जुझारू ,,संघरशील ,,इरादों के पक्के रहे ,,भंवर शर्मा अटल कोटा में आये और उन्होंने कोटा में हिंदी पत्रकारिता में विविध अयं स्थापित करते हुए ऐतिहासिक परिवर्तन प्रक्रिया के तहत कोटा से आज़ाद भारत का हिंदी का पहला दैनिक ,,जननायक ,,अख़बार का प्रकाशन शुरू किया ,,दैनिक जननायक पहले कोटा फिर सवाईमाधोपुर ,,चित्तोड़ से प्रकाशित होने लगा जो पुरे हाड़ोती में सबकी खबर लेता था सबको खबर देता था ,,,ट्रेडिल ,,कम्पोज़िंग के ज़माने से शुरू होकर कम्प्यूटर ऑफसेट युग तक जननायक का सफलतम प्रकाशन हुना ,,,,भंवर शर्मा अटल ने कोटा में सांध्य दैनिक प्रकाशन के रूप में पहला सांध्य दैनिक अमर नायक समाचार पत्र का प्रकाशन शुरू किया और काफी हद तक सफलतम पत्रकारिता के आयाम स्थापित किये ,,भंवर शर्मा अटल की बेबाक लेखनी ,,बेबाक प्रकाशन ,,निर्भीक आचरण ,,गरीबों ,,शोषितो ,,पीड़ितों को न्याय दिलवाने के स्वभाव ने भवंर शर्मा अटल को पत्रकारिता का युग पुरुष बना दिया ,,,,भंवर शर्मा अटल ने कई सरकार बनते बिगड़ती देखी ,,एक तरफ जहां भवंर शर्मा अटल ने सेकड़ो पत्रकारों को प्रशिक्षित किया तो दूसरी तरफ कोटा में हज़ारो लोगों को सियासत सिखाई जो जन्पर्तीिनिधि के रूप में सरकार के महत्वपूर्ण पदों पर रहे ,,,,,कोटा में दैनिक राजस्थान पत्रिका ,,दैनिक भास्कर के प्रकाशन होने तक हाड़ोती में जननायक के भंवर शर्मा अटल का एक छत्र पत्रकारिता का राज था ,,,उनके प्रकाशन में खबर का खंडन प्रतिबंधित था ,,,,पत्रकारिता की निर्भीक रिपोर्टिंग के कारण उन्हें काफी संघर्ष करना पढ़े लेकिन आखिर में जीत सिर्फ उन्ही की हुई ,,,,,,कोटा में प्रेस क्लब के स्थापना करने वाले भंवर शर्मा अटल ने पत्रकारिता की परिभाषा बदलने ,,उसके बाज़ारो और बिकाऊ होने के बाद पत्रकारिता से सन्यास लेना मुनासिब समझा और उन्होंने दैनिक जननायक का प्रकाशन दूसरे हाथो में दे दिया ,,,, भंवर शर्मा अटल आज चाहे तिहत्तर साल के है लेकिन उनका दिल ,, उनका दिमाग ,,उनकी ज़ुबान आज भी एक नौजवान पत्रकार की तरह तेज़ तर्रार था ,,,,खबर को देखना उनकी पेनी निगाह में शामिल था ,,तो खबर को निर्भीकता से लिखना उनकी बेबाक क़लम की तासीर था ,,,,उनकी निर्भीकता ,,निडरता ,,न्यायप्रियता और शोषित ,,उत्पीड़ितों के लिए उनका दर्द मज़लूमों को आज भी याद था और इनके ज़माने के लोग आज भी भंवरशर्मा अटल की जननायक पत्रकारिता को याद कर क़िस्से सुनाते है ,,,,हाड़ोती पत्रकारिता के भीष्म पितामह भंवर शर्मा अटल को सेल्यूट ,,,हार्दिक श्रद्धंाजलि ,,,,,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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