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28 मई 2015

यह टोंक शहर के लोगो के लिय शुद्ध पानी की टंकी है

यह रेड़ीवास का नाला नही है यह टोंक शहर के लोगो के लिय शुद्ध पानी की टंकी है जो लगभग ढेड साल पहले जिसकी छत और उसपे रखा नाना प्रकार के जानवरो और पक्षियों का माल छत समिट टंकी में गिर गया था टोंक के महान नेताओ दवारा महान सोच और अपनी उपलब्धि को जतना के लिय आज से लगभग चालीस साल पहले टोंकवासियो को शुद्ध जल जो अब शायद फ्लोराइड युक्त होचुका है के लिय बनास नदी के पेटे में पांच कुओ यानि पांच कुइय्यो के नाम से प्रसिद्ध है को खुद वाया गया था और इन कुओ के पानी को भंडारित करने के लिय टोंक के वार्ड नंबर २ स्थित मोलाईपुरा अजेंटी बांग्ला के पास टंकी का निर्माण किया गया था इस टंकी से आज भी लगभग आधे टोंक से तो पानी सप्लाई किया जाता है शुद्ध जल का नाम दे कर असल में शुद्ध जल जो बीसलपुर का है उसे तो १५० से २०० किलो मीटर दूर सप्लाई किया जाता है यानि ajmer और जयपुर टोंक की कुछ ही आबादी को बीसलपुर का जल नसीब होता है बाकि सब ढेड साल से पक्षियों का माल मूत्र मरे हुआ जलीय जीवो का जूस तो उड़ती हुऐ नाना प्रकार के गंदे कपड़ो का अर्ख पीकर गुजारा कर रहे है वो भी बड़ी मुश्किल से दो दिनों में एक बार पमी मिलता है लकिन साथ कंडीशन है विधुत सप्लाई बड़ी ईमानदारी से रोज सुबह कटी जाने लगी है अब सोचना यह है की क्या वाकई टोंक में नगर परिषद है ? वहाँ कोई चेयरपर्सन जल दये विभाग है ? स्वाथय विभाग है ? अगर है तो इनका क्या काम है क्या वाकई काम करते है या नेताओ की चापलूसी में उनके पीछे पीछे दर दर भटकते है और आपने आप को बेहद उचा समझते है एक विश्व सर्वे के अनुसार लोग आपनी इनकम का चार रुपए में से १ रुपया पानी और सेनेटरी पर खर्च करते है दूसरी खास बात यह है की इस टंकी से होने वाली सप्लाई जिन टोंकवासियो को की जाती है वो अधिकतर अल्प्संखयक है या फिर दलित जो टोंक की जनसख्या का लगभग 65 % भाग है तो यह है लोकतंत्र पर अतयाचार जो सविधान के विपरीत है यानि के गैर क़ानूनी कह सकते है अब देखे की फ्लोराइड युक्त और दूषित जल पिने से क्या होता है जहां क्लोराइड हड्डी यो को नुकसान पहुचता है वही खुले और पक्षियों के माल मूत्र युक्त जल में बैक्टीरिया और प्रोटोज़ोआ(परजीवी ) पैदा होते है यह पानी के दवारा शरीर में जाते है इनमे सबसे पहले जो प्रोटोज़ोआ पैदा होता है उसका नाम है अमीबा यह अमर जीव है मरता नही इस से इस से एमओएबीएसीस बीमारी होती है जिस में पेट की खराबी थकन , सूजन ,पेचिश ,दस्त होते है दूसरी बीमारी को crytosporidiosis कहते है जिस में गैस ,मतली बुखार होता है भूख नही लगती ,तीसरी बीमारी जिसे cyclosporiasis कहते है इस में मांसपेशिया कमजोर होती है पेट दर्द ऐठन होती है चौथी बीमारी giardiasis होती है जिस में पाचन तंत्र प्रभावित होता है पेट फूलता है दस्त लगते है पांच वि बीमारी जिसे microsporidiaosis कहते है छाती बीमारी जिसे हाथी पांव भी कहते है इसमे व्यक्ति की हाथ या पैर सामान्य से काफी बड़े हो जाते है यदि पानी में लोहे की मात्र मिला दी जाय तो उतपरिवतन संभव है जिस में किस भी तरह के अजीबो गरीब बच्चे पैदा होना संभव है बड़ी अजीब बात है तिनकी ढेड साल से खुली पड़ी है उसे में टूटे लोहे के पाइप पक्षियों का माल, गंदे कपड़ो के रेशे, मरे हुऐ जलीय जीव जंतु देखे जा सकते है और सबसे खास बात है की इस वार्ड के मेंबर टोंक नगर परिषद के उपसभापति है अब आप ही सोचो जिस शहर में उपसभा पति का वार्ड ऐसा होगा तो टोंके और वार्डो का क्या हल होगा यह आप लोग खुद सोच सकते है कही यह अछ्चेदिनो का बुरा पानी तो नही सरकार करोडो रूपीए शुद्ध पानी के लिय खर्च करती है ऐसा मैंने किताबो में पढ़ा था आप ने भी पढ़ा होगा लकिन सच्चाई यह है
शायद टोंक में बहरे नाचते है और अंधे गाते है एक शेर अर्ज है टोंक के लिय
ना गुल आपना ना खार अपना
किस जालिम ने बनाया है
इस शहर को आशिया आप ना .

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