आपका-अख्तर खान

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27 मई 2015

मेरे प्यारे दोस्तों

मेरे प्यारे दोस्तों ज़रा अपने दिल पर हाथ रख कर बताइये ,,ज़रा गंभीर चिंतन कर सही जवाब दीजिये अगर गुर्जर जो रेल की पटरियों को उखाड़ कर सड़के नेशनल हाइवे जाम कर देश के क़ानून का मखोल उड़ा रहे है और सरकार निकम्मो की तरह से जनता की सुरक्षा ताक़ में रखकर इन अपराधिक कार्यों को पीठ थपथपा कर बढ़ावा दे रही है ,,जनता असुरक्षित है ,,भयभीत है परेशान है पीड़ित है ,,अगर यही हाल गुर्जर आंदोलन कारी सचिवालय ,,सरकारी दफ्तरों ,,मंत्रियों के बंगलों का अगर घेराव करके करते तो क्या यह निकम्मी सरकार इन आंदोलन कारियों को ऐसे आंदोलन की इजाज़त देती ,,,,सरकार ने अब तक अपने मंत्रियों ,,सचिवालयों को बचाने के लिए आंदोलन कारियों के कब के सीने छलनी कर दिए होते ,,लाठियां बजाकर कब के भीड़ को तीतर बीतर कर दिया होता ,, तो जनाब यही फ़र्क़ है आम और ख़ास में ,,,,,,,,,,,,,,,,,अख़्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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