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21 अप्रैल 2015

ओबामा के बाद अब मोदी चढ़ाएंगे अजमेर शरीफ दरगाह पर चादर, लेकर जाएंगे नकवी dainikbhaskar.com Apr 21, 2015, 18:55 PM IST Print Decrease Font Increase Font Email Google Plus Twitter Facebook COMMENTS 1 of 2 Next फाइल फोटो: मुस्लिम नेता के साथ मोदी। फाइल फोटो: मुस्लिम नेता के साथ मोदी। नई दिल्ली: सूफी संत हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की 803वीं उर्स के मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी अजमेर शरीफ की दरगाह पर चादर चढ़ाएंगे। पीएम मोदी की ओर से यह चादर केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी लेकर जाएंगे। इस साल उर्स रविवार को शुरू होगा। संयोग से अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भी शनिवार को अजमेर शरीफ पर चादर चढ़ाई थी। ओबामा की ओर से यह चादर अमेरिकी राजदूत रिचर्ड वर्मा ने दरगाह कमेटी को भेंट की थी। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की ओर से भी एक चादर अजमेर भेजी गई है। ख्वाजा जी के नाम से पुकारे जाने वाले मोइनुद्दीन चिश्ती को भारतीय उपमहाद्वीप का सबसे मशहूर सूफी संत माना जाता है। हो चुका है विवाद पिछले महीने पीएम मोदी से मिलने वाले एक मुस्लिम प्रतिनिधिमंडल को लेकर विवाद हुआ था। अजमेर दरगाह के दीवान जैनुल अब्दीन अली खान ने दावा किया था कि पीएमओ के बयान में जिस प्रतिनिधिमंडल का जिक्र है, उसमें वह नहीं शामिल थे। खान के मुताबिक, वह ख्वाजा के सजदानशीं (उत्तराधिकारी) हैं। दरगाह की ओर से जारी बयान में कहा गया, ''पीएम से अजमेर शरीफ का सजदानशीं बनकर जो शख्स मिला, वो असल में वो नहीं था। अजमेर के सजदानशीं दीवान जैनुल अब्दीन अली खान उस दिन अजमेर शरीफ में ही थे। जो शख्स इस तरह पीएम से मिला, उसने न केवल उनको धोखे में रखा, बल्कि पीएम की सुरक्षा के दृष्टिकोण से भी यह चूक है।'' बता दें कि पीएमओ की ओर से जारी बयान में कहा गया कि अजमेर शरीफ के सजदानशीं सैयद सुल्तान उल हसन चिश्ती मिसबाही भी उन मुस्लिम नेताओं में से एक थे, जिन्होंने पीएम मोदी से मुलाकात की।

फाइल फोटो: मुस्लिम नेता के साथ मोदी।
फाइल फोटो: मुस्लिम नेता के साथ मोदी।
नई दिल्ली: सूफी संत हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की 803वीं उर्स के मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी अजमेर शरीफ की दरगाह पर चादर चढ़ाएंगे। पीएम मोदी की ओर से यह चादर केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी लेकर जाएंगे। इस साल उर्स रविवार को शुरू होगा। संयोग से अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भी शनिवार को अजमेर शरीफ पर चादर चढ़ाई थी। ओबामा की ओर से यह चादर अमेरिकी राजदूत रिचर्ड वर्मा ने दरगाह कमेटी को भेंट की थी। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की ओर से भी एक चादर अजमेर भेजी गई है। ख्वाजा जी के नाम से पुकारे जाने वाले मोइनुद्दीन चिश्ती को भारतीय उपमहाद्वीप का सबसे मशहूर सूफी संत माना जाता है।

हो चुका है विवाद
पिछले महीने पीएम मोदी से मिलने वाले एक मुस्लिम प्रतिनिधिमंडल को लेकर विवाद हुआ था। अजमेर दरगाह के दीवान जैनुल अब्दीन अली खान ने दावा किया था कि पीएमओ के बयान में जिस प्रतिनिधिमंडल का जिक्र है, उसमें वह नहीं शामिल थे। खान के मुताबिक, वह ख्वाजा के सजदानशीं (उत्तराधिकारी) हैं। दरगाह की ओर से जारी बयान में कहा गया, ''पीएम से अजमेर शरीफ का सजदानशीं बनकर जो शख्स मिला, वो असल में वो नहीं था। अजमेर के सजदानशीं दीवान जैनुल अब्दीन अली खान उस दिन अजमेर शरीफ में ही थे। जो शख्स इस तरह पीएम से मिला, उसने न केवल उनको धोखे में रखा, बल्कि पीएम की सुरक्षा के दृष्टिकोण से भी यह चूक है।'' बता दें कि पीएमओ की ओर से जारी बयान में कहा गया कि अजमेर शरीफ के सजदानशीं सैयद सुल्तान उल हसन चिश्ती मिसबाही भी उन मुस्लिम नेताओं में से एक थे, जिन्होंने पीएम मोदी से मुलाकात की।

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