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01 अप्रैल 2015

किसी भी धर्म में झूंठ और मज़ाक का कोई स्थान नहीं

अप्रैल फूल दिवस,,,,,,,, झूंठ जिसे हम मज़ाक ,,जिसे हम बुरा ना मानो होली कहते है ,,लेकिन किसी भी धर्म में झूंठ और मज़ाक का कोई स्थान नहीं है फिर भी हम धर्म के खिलाफ इस अंग्रेजी संस्कृति को हमारे देश में ज़िंदा किये हुए है ,,,,,अप्रेल फूल ,,एक झूंठ ,,एक जुमला सियासी लोगों ने सियासी वायदों के साथ सत्ता में आने के लिए जनता के साथ इस खेल को खेलना शुरू किया है और हमारे भारत में जहाँ झूंठ बोलना ,,झूंठा दिलासा देना ,,झूंठा वायदा करना ,,झूंठ को सच बनाकर पेश करना धार्मिक तोर पर धर्म से ख़ारिज हो जाने वाला अपराध है वहां सियासी लोग हमारे देश की जनता को बेवक़ूफ़ बनाकर ,,अप्रेल फूल बनाकर देश पर राज करते रहे है और राज कर रहे है इसके खिलाफ अगर जनता ने संघर्ष का बिगुल बजाकर सियासत की इस बुराई को जड़ से समाप्त नहीं किया ,,सरकार ने अगर क़ानून बनाकर ऐसे झूंठे वायदे बाज़ों को पद छीन कर जेल भेजने का क़ानून नहीं बनाया तो हमारी संस्कृति और हम तबाह हो जाएंगे ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
अप्रैल फूल दिवस पश्चिमी देशों में हर साल पहली अप्रैल को मनाया जाता है। कभी-कभी ऑल फूल्स डे के रूप में जाना जाने वाला यह दिन, 1 अप्रैल एक आधिकारिक छुट्टी का दिन नहीं है लेकिन इसे व्यापक रूप से एक ऐसे दिन के रूप में जाना और मनाया जाता है जब एक दूसरे के साथ व्यावाहारिक मजाक और सामान्य तौर पर मूर्खतापूर्ण हरकतें की जाती हैं। इस दिन दोस्तों, परिजनों, शिक्षकों, पड़ोसियों, सहकर्मियों आदि के साथ अनेक प्रकार की शरारतपूर्ण हरकतें और अन्य व्यावहारिक मजाक किए जाते हैं, जिनका उद्देश्य होता है बेवकूफ और अनाड़ी लोगों को शर्मिंदा करना.
पारंपरिक तौर पर कुछ देशों जैसे न्यूजीलैंड, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका में इस तरह के मजाक केवल दोपहर तक ही किये जाते हैं और अगर कोई दोपहर के बाद किसी तरह की कोशिश करता है तो उसे "अप्रैल फूल" कहा जाता है।[1] ऐसा इसीलिये किया जाता है क्योंकि ब्रिटेन के अखबार जो अप्रैल फूल पर मुख्य पृष्ठ निकालते हैं वे ऐसा सिर्फ पहले (सुबह के) एडिशन के लिए ही करते हैं।[2] इसके अलावा फ्रांस, आयरलैंड, इटली, दक्षिण कोरिया, जापान रूस, नीदरलैंड, जर्मनी, ब्राजील, कनाडा और अमेरिका में जोक्स का सिलसिला दिन भर चलता रहता है। 1 अप्रैल और मूर्खता के बीच सबसे पहला दर्ज किया गया संबंध चॉसर के कैंटरबरी टेल्स (1392) में पाया जाता है। कई लेखक यह बताते हैं कि 16वीं सदी में एक जनवरी को न्यू ईयर्स डे के रूप में मनाये जाने का चलन एक छुट्टी का दिन निकालने के लिए शुरू किया गया था, लेकिन यह सिद्धांत पुराने संदर्भों का उल्लेख नहीं करता है।
उत्पत्ति,,,
लंदन में 1857 से "वॉशिंग दी लायंस" का टिकट.1698 में पहले पारंपरिक अप्रैल फूल्स प्रैंक को रिकॉर्ड किया गया।
चॉसर के कैंटरबरी टेल्स (1392) में "नन्स प्रीस्ट्स टेल" में 'सिन मार्च बिगन थर्टी डेज एंड टु ' का उल्लेख किया गया है।] चॉसर का मतलब संभवतः मार्च के 32 दिन के बाद से है यानी 2 मई,] जो इंग्लैण्ड के किंग रिचर्ड II की बोहेमिया की एन के साथ सगाई की सालगिरह की तारीख है, जो 1381 में हुई थी। हालांकि पाठक ऊपरी तौर पर इस लाइन का गलत मतलब "32 मार्च" अर्थात 1 अप्रैल के रूप में लगाते हैं।[ चॉसर की कहानी में अहंकारी मुर्गे शॉन्टेक्लीर को एक लोमड़ी द्वारा चालाकी से फंसा लिया जाता है।,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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