भूकम्प का डर
भूकम्प का खौफ
कुछ इस तरह से रहा ,,,
ना मजहब,
ना शोहरत,
और ना ही
रंगो का फर्क था ...
ए मौत
तेरे डर से
आज सभी चेहरे
एक से नजर आएं..
भूकम्प का खौफ
कुछ इस तरह से रहा ,,,
ना मजहब,
ना शोहरत,
और ना ही
रंगो का फर्क था ...
ए मौत
तेरे डर से
आज सभी चेहरे
एक से नजर आएं..
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