आपका-अख्तर खान

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08 अप्रैल 2015

जहा शक हो

जहा शक हो
जहा फरेब हो
जहा सिर्फ इल्ज़ामात हो
जहाँ रुसवाई हो
जहां सिर्फ झूंठे वायदे हो
जहाँ टाइम पास हो
बस समझ लेना
वोह तुम्हारे कभी थे ही नहीं
बस समझ लेना
वोह तुम्हारे कभी हो सकते ही नहीं ,,,
तुम मर जाना लेकिन बस
ऐसे लोगों से दूर हमेशा दूर रहना
वरना ज़िल्लत ,,तड़पन फिर मोत के सिवा
कुछ और तुम्हे मिल नहीं सकेगा ,
मेरी बात पर यक़ीन ना हो अगर
तो जाओ ऐसे लोगों से ज़रा प्यार करके तो देखो
मुझे तो माँ की बद्दुआ थे बर्बाद होने की
इसीलिए में यह गलती कर बैठा
में तो रोज़ मर मर कर जी रहा हूँ
इसीलिए तो तुम्हे बचाने के लिए
अपने जीवन का कड़वा सच तुमसे कह रहा हूँ ,,,,अख्तर

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