राजस्थान सरकार की दरियादिली कहे या फिर प्रबंधन ,,या फिर लाचारी मजबूरी के
राजस्थान के थानों में उपाधीक्षक तैनात है ,,उपाधीक्षक पद का काम अतीरिक्त
पुलिस अधीक्षक देख रहे है ,,पुलिस अधीक्षक का काम डी आई जी और डी आई जी का
काम आई जी जबकि आई जी का काम एडिशनल डी जी देख रहे है ,,,जी हाँ दोस्तों
राजस्थान के लगभग हर ज़िले में कमोबेश यही हालत है ,,इससे सरकार की लाचारी
और कुप्रबंध के हालात स्पष्ट नज़र आते है ,,,पुलिस अधिनियम के प्रावधानों के
तहत पुलिस आयोग ,,पुलिस जवाब देही समितिया ,,शान्ति
समितियां ,,जवेनाइल पुलिस यूनिट ,,,,जिला समितिया और कल्याण आयोग का गठन
तो नहीं हुआ उलटे हालात यह हो गए के पुलिस अधिकारीयों के प्रमोशन हुए कई
महीने गुज़र गए लेकिन अभी तक उन्हें पोस्टिंग नहीं दी जा सकी है ,,स्थिति
सभी जानते है ,,अधिकतम थानों में उपअधीक्षक बने अधिकारी कार्यरत है जबकि उप
अधीक्षक पद पर अतीरिक्त पुलिस अधीक्षक स्तर के पदोन्नत लोग काम देख रहे
है ,,इतना ही नहीं पुलिस अधीक्षक पद पर डी आई जी तो आई जी स्तर पर एडिशनल
आई जी के पद पर पदोन्नत अधिकारी कार्यरत है इससे सभी अधिकारियों में
फ्रस्ट्रेशन भी है तो कई महत्वपूर्ण अनुसंधान सहित काफी कामकाज अटके पढ़े है
,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)