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07 अप्रैल 2015

नवीन जिंदल पर रेप केस: महिला-जज में हुए ये 13 सवाल-जवाब और खारिज हुई अर्जी

जिंदल और उनके लोगों पर रेप का आरोप लगाने वाली महिलाएं
जिंदल और उनके लोगों पर रेप का आरोप लगाने वाली महिलाएं
नई दिल्ली. कांग्रेस नेता और उद्योगपति नवीन जिंदल के खिलाफ रेप की याचिका सुप्रीम कोर्ट में खारिज हो गई है। सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ जज टी.एस. ठाकुर और जस्टिस ए.के. गोयल की बेंच ने याचिका खारिज करते हुए याचिकाकर्ता को हाईकोर्ट जाने की छूट दे दी।
दो महिलाओं में से एक ने जिंदल के मैनेजर पर जबकि दूसरी ने खुद नवीन जिंदल और उनके लोगों पर रेप के आरोप लगाए थे। जिंदल के मैनेजर पर रेप का आरोप लगाने वाली महिला ने कहा था कि जिंदल के इशारे पर 2013 में उसके साथ रेप किया गया क्योंकि उसने रायगढ़ स्थित जमीन उन्हें बेचने से इनकार कर दिया था। दूसरी महिला का आरोप था कि जमीन नहीं देने पर साल 2001 और 2010 में उसके साथ जिंदल और उनके लोगों ने रेप किया था।
मंगलवार को जस्टिस टीएस ठाकुर व जस्टिस एके गोयल की पीठ के समक्ष दोनों महिलाओं को वकील एमएल शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट के कोर्ट नंबर दो में पेश किया। एक जून, 2013 को रायगढ़ (छत्तीगढ़) में जिंदल के इशारे पर मैनेजर द्वारा बलात्कार का आरोप लगाने वाली महिला से जस्टिस ठाकुर ने कई सवाल किए। सवाल-जवाब इस तरह चला-
1-तुम्हारे पति का क्या नाम है, काम क्या करती हो, जवाब-पति का नाम............., नर्स हूं।
2-आप बाहर क्यों खड़ी थीं। जवाब- मुझे डॉक्टर के पास पहुंचना था और देर हो रही थी। (याचिका में आरोप लगाया था कि एक जून, 2013 को उसने कार में लिफ्ट ली थी और उसी में उसके साथ बलात्‍कार हुआ था)
3- लेकिन, तुम तो नर्स हो, रात को डॉक्टर की जरूरत क्यों पड़ गई। जवाब- मेरी तबीयत खराब थी।
4- तुमने अंजान लोगों से लिफ्ट क्यों ली। जवाब-मैं पहले भी लिफ्ट ले चुकी हूं।
5-एसे कितनी बार लिफ्ट ली है तुमने। जवाब–दो-तीन बार।
6-तुम्हारे पति को पता है कि तुम दिल्ली (पेशी के लिए) आई हो। जवाब- नहीं, मां को बता के आई हूं।
7-क्या आपने अपने पति को हादसे के बारे में बताया, जवाब- सिर्फ अपनी मां को बताया।
8-पति को क्यों नहीं बताया। जवाब न देते हुए महिला रोने लगी।
9- तुम्हें पता है तुम्हारी याचिका क्या है। जवाब- हां (याचिका में मामला दर्ज कर सीबीआई या स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराए जाने की गुजारिश की गई है)
10- तुम्हें यहां (दिल्‍ली) आने के लिए ट्रेन में किसने बिठाया। जवाब- मैं खुद से बैठी थी।
11- तुम्हें किसने बोला कि दिल्ली जाओ। जवाब- खुद आई हूं। (याचिका के पीछे कोई साजिश होने की आशंका के मद्देनजर सवाल)
12- एमएल शर्मा (वकील) के बारे में तुम्हें किसने बताया। जवाब-लोगों से पता चला।
13- दिल्ली तक की टिकट का खर्च कितना था जवाब- 600 रुपये का ट्रेन टिकट लगा। मेरे पास कुल दो हजार रुपये थे।
जस्टिस ठाकुर ने इतना पूछने के बाद याचिका खारिज करने का आदेश दे दिया। इसके बाद वकील एमएल शर्मा ने कहा, माई लार्ड यदि यहां याचिका खारिज हो गई तो इन महिलाओं को इंसाफ नहीं मिल पाएगा। तब जस्टिस ठाकुर ने याचिका को 'डिस्मिस एज विदड्रॉन' यानी कि दायर याचिका वापस लेने की मांग स्वीकार करते हुए हाईकोर्ट जाने का निर्देश जारी किया।
वकील का बयान
महिला के वकील एमएल शर्मा के मुताबिक, जिस पीड़ित महिला से सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश की ओर से सवाल किए गए हैं, उनके मामले में सीधे तौर पर शीर्षस्थ अदालत का दरवाजा खटखटाया गया, क्योंकि राज्य में उसकी जान को खतरा था। उस पर हमले भी हुए हैं, जिसके संबंध में पुलिस को शिकायत दी गई है। लेकिन आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई। दूसरी महिला, जिससे मंगलवार को कोई सवाल नहीं हुआ, के मामले को हाईकोर्ट में दायर किया गया था। बाद में सुप्रीम कोर्ट से स्थानांतरण की मांग की थी। दोनों को सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचने में जान का जोखिम उठाना पड़ा है। लेकिन मैं बिल्कुल हताश नहीं हूं, उन्हें इंसाफ दिलाकर रहूंगा। कानून सबके लिए बराबर है।

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