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16 मार्च 2015

आंसुओं से भीगा

आंसुओं से भीगा
कल रात मेरा बिस्तर
तुम्हारी बेवफाई
तुम्हारी बेवफाई
हां सिर्फ तुम्हारी बेवफाई
भारी थी मुझ पर
लेकिन सुनो ऐ बेवफा
में सोया नहीं
में रोया नहीं
वोह तो आँख के आंसू थे
जिन्होंने भी तुम्हारी तरह
आँखों से निकल कर
बेवफाई की है
सुनो ऐ बेवफा
मेरी सिसकियाँ भी नहीं निकली
वोह तो साँसे थी बेवफा
तुम्हारी तरह
इसलिए वोह भी निकल गई
सुनो ऐ बेवफा
मेरे दिल की धड़कनो को मेने नहीं रोका
तुम्हारे खातिर
वोह तो तुम्हारी ही तरह बेवफा थी
इसलिए थम गई
इसलिए थम गई ,,,,,,,,,,,
बस एक इल्तिजा
बस एक ख्वाहिश है आखरी
अब किसी से ऐसा
बेवफा प्यार ना करना
ना तड़पाना उसे
ना रुलाना उसे
बख्श देना उसे
अब किसी से
ऐसा बेवफा
प्यार ना करना ,,,अख्तर

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