इंदौर. दो
महीने पहले एक एक्सीडेंट में एक पैर गंवा चुके डॉक्टर जगदीश सेनी फिर
हौसलों के कदम पर खड़े हो चुके हैं। कार से अस्पताल जाना भी शुरू कर दिया
है। अस्पताल में जहां सीढ़ियों से जाना पड़ता है, वहां नहीं जा पाते, लेकिन
कार को ही उन्होंने क्लिनिक बना लिया है। मरीज आए कि इलाज शुरू। एक पैर
पर भी वे पहली जितनी ही हिम्मत से भरे हैं।
पीड़ा से उबर चुके, पर कशक बाकी
डॉक्टर सेनी ने बताया वे हादसे से पूरी तरह उबर चुके हैं। अब चाहे घर का काम हो या अस्पताल का, वे किसी पर बोझ नहीं हैं। अस्पताल में आने वाले मरीज़ हो या घर का कोई साधारण काम, वे पहले जैसा ही कर रहे हैं। हालांकि आज भी उन्हे घटना का वह मंजर याद आ जाता है, जब लाख गुहार लगाने के बाद भी किसी ने उनकी मदद नहीं की थी।
डॉक्टर सेनी ने बताया वे हादसे से पूरी तरह उबर चुके हैं। अब चाहे घर का काम हो या अस्पताल का, वे किसी पर बोझ नहीं हैं। अस्पताल में आने वाले मरीज़ हो या घर का कोई साधारण काम, वे पहले जैसा ही कर रहे हैं। हालांकि आज भी उन्हे घटना का वह मंजर याद आ जाता है, जब लाख गुहार लगाने के बाद भी किसी ने उनकी मदद नहीं की थी।
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