आपका-अख्तर खान

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15 मार्च 2015

अपने ही घर में

अब तो खुश हो तुम
अपने ही घर में
हमे ज़लील और ख्वार करके
लो उठो खुश हो जाओ
आज़ाद हुए अब तुम भी
हमारी बेकार प्यार की बेड़ियों से ,,,अख्तर

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