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31 मार्च 2015

नक्सल प्रभावित इलाके में रहकर करते हैं इलाज, घर में पाल रखे हैं शेर-तेंदुए

डॉक्टर प्रकाश आमटे ने घर में तेंदुआ पाल रखा है, जानवरों से उनका ऐसा नाता है कि खूंखार जानवर भी उन्हें कुछ नहीं करते हैं।
डॉक्टर प्रकाश आमटे ने घर में तेंदुआ पाल रखा है, जानवरों से उनका ऐसा नाता है कि खूंखार जानवर भी उन्हें कुछ नहीं करते हैं।
गढ़चिरोली. महाराष्ट्र से ऐसी कई हस्तियां निकलीं हैं, जिन्होंने अपने हौसले और सकारात्मक सोच के बल पर कई लोगों की जिंदगियां बदल डाली। इन हस्तियों के बारे में बताने के लिए dainikbhaskar.com आज से 'महाराष्ट्र के गौरव' नाम से सीरीज चला रहा है, जिसके तहत आज हम आपको समाजसेवक डॉ. प्रकाश आमटे के बारे में बता रहे हैं। डॉ. आमटे ऐसे शख्स हैं, जो महाराष्ट्र के नक्सल प्रभावित इलाके में घने जंगल के बीच रहकर आदिवासियों को शिक्षा और चिकित्सा प्रदान करते हैं। साथ ही डॉ. आमटे ने स्थानीय लोगों द्वारा मारे गए जंगली जानवरों के बच्चों के लिए अपने घर में एक प्राणी अनाथालय बनाया है, जहां आज भालू, तेंदुए, मगरमच्छ समेत 60 से भी अधिक जानवर हैं।
पिता ने रखी थी प्रकल्प की नींव
डॉक्टर प्रकाश आमटे के पिता बाबा आमटे ने महाराष्ट्र के गढ़चिरौली ज़िले के हेमलकसा कस्बे में लोक बिरादरी प्रकल्प की स्थापना की थी। वे यहां स्थानीय आदिवासियों के विकास और चिकित्सा के लिए काम किया करते थे। बाबा आमटे के निधन के बाद डॉ. प्रकाश और उनके बेटे अनिकेत और दिगंत, यहां की ज़िम्मेदारी संभालते हैं।
आदिवासियों को देते हैं मुफ्त शिक्षा
बाबा आमटे के मूल विचार आज भी लोक बिरादरी प्रकल्प में देखने को मिलते हैं। आज भी यहां आदिवासी छात्रों को मुफ़्त शिक्षा और लोगों को मुफ़्त इलाज दिया जाता है। यहां पढ़े हुए अनेक छात्र सरकारी अफ़सर और पुलिसकर्मी बने हैं, लेकिन 99 प्रतिशत छात्र इस इलाके के उत्थान के लिए काम करते हैं।
घर में पाल रखे हैं जंगली जानवर
हेमलकसा के लोक बिरादरी प्रकल्प में स्थानीय लोगों द्वारा मारे गए जंगली जानवरों के बच्चों के लिए एक प्राणी अनाथालय भी शुरू किया गया था, जहां आज करीब 60 जानवर हैं। यह अनाथालय ठीक उसी जगह है, जहां प्रकाश आमटे रहते हैं। चंद्रपुर से 150 किमी दूर यह इलाका नक्सलवाद से प्रभावित भी है। इस अनाथालय में मगरमच्छ, तेंदुआ, भालू, हिरण समेत कई जंगली जानवर रहते हैं।
बन चुकी है फिल्म
डॉ. प्रकाश आमटे पर 2014 में मराठी फिल्म भी बनी थी। जिसका नाम डॉ. प्रकाश आमटे 'THE REAL HERO' था। इस फिल्म में डॉ. आमटे का किरदार अभिनेता नाना पाटेकर ने निभाया था।
मेडिकल की पढ़ाई पूरी करने के बाद वापस आए
डॉक्टर प्रकाश आमटे और उनकी पत्नी डॉ. मंदाकिनी आमटे को आदिवासियों के उत्थान के लिए मैगसेसे अवार्ड से भी नवाज़ा जा चुका है। दोनों मेडिकल की पढ़ाई पूरी करने के बाद किसी बड़े शहर जाने की जगह गड़चिरोली आ गए। तब से दोनों आदिवासियों के उत्थान के लिए काम करते आ रहे हैं।

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