आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

15 मार्च 2015

घर आने पर दौड़ कर जो पास आये, उसे कहते हैं बिटिया
थक जाने पर प्यार से जो माथा सहलाए, उसे कहते हैं
बिटिया
"कल दिला देंगे" कहने पर जो मान जाये, उसे कहते हैं बिटिया
हर रोज़ समय पर दवा की जो याद दिलाये, उसे कहते हैं
बिटिया
घर को मन से फूल सा जो सजाये, उसे कहते हैं बिटिया
सहते हुए भी अपने दुख जो छुपा जाये, उसे कहते हैं बिटिया
दूर जाने पर जो बहुत रुलाये, उसे कहते हैं बिटिया
मीलों दूर होकर भी पास होने का जो एहसास दिलाये, उसे
कहते हैं बिटिया
"अनमोल हीरा" जो इसीलिए कहलाये, उसे कहते हैं बिटिया

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...