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18 मार्च 2015

,,वकील कभी रिटायर नहीं होता ,,,कोटा के 82 वर्षीय एडवोकेट प्रेमचंद जेन दम दमावालों पर यह कहावत सटीक साबित होती है

एक कहावत ,,वकील कभी बूढ़ा नहीं होता ,,वकील कभी रिटायर नहीं होता ,,,कोटा के 82 वर्षीय एडवोकेट प्रेमचंद जेन दम दमावालों पर यह कहावत सटीक साबित होती है ,,,वर्ष उन्नीस सो छत्तीस में कोटा केवलनगर के पास दमदमा गाँव में जन्मे आदरणीय प्रेमचंद जेन ने कोटा हर्बर्ट कॉलेज से ही अपनी एल एल बी की पढ़ाई पूरी की और यहीं घंटाघर कोटा में इनका पैतृक व्यवसाय होने से आप कोटा के ही होकर रह गए ,,,,,,,,जब कोटा की अदालत झाला हाउस में लगा करती थी तब से आप कोटा में वकालत कर रहे है ,,,,कोटा में सिविल मामलों के मास्टर कहे जाने वाले प्रेमचंद दमदमा वालों में वकालत के सभी प्रुख गुण शामिल है जो अनुकरणीय है ,,मृदुल स्वभाव ,,,अपनी बात को तार्किक तरीके से हँसते हँसते कहने का सलीक़ा ,,,हाज़िर जवाबी ,,,,क़ानून का ज्ञान ,,,,अपनी बात का प्र्स्तुतुिकरण ,,इनका अपना अंदाज़ है ,,इसीलिए प्रेमचंद जेन एडवोकेट ने अपनी पहचान विशिष्ठ वकील के रूप में मनाई ,,,प्रेमचंद एडवोकेट वैसे तो प्रारम्भ से ही आर एस एस से जुड़े रहे है ,,संघ के सभी कार्यक्रमों में शामिल रहे है ,,,लेकिन उन्होंने समाज सेवा ,,भाईचारा सद्भावना की भी मिसाल क़ायम की है ,,यही कारण रहा है के कोटा में विकट परिस्थितियों में भी मुस्लिम समाज का विश्वास इन्होने ने जीता और इस समाज के अधिकतम मुक़दमों में इन्होने पैरवी की ,,अपने मुक़दमे को चेलेंज के रूप में लेकर पूरी महनत और लगन से जीतने के जूनून की हद तक तैयारी कर लडो यही खुद करते रहे और अपने जूनियर वकीलों को भी प्रेम चंद एडवोकेट की यही सीख रही ,,,,प्रेमचंद एडवोकेट आपातकाल के बाद सियासत में आये इन्होने पूर्व कंद्रीय मंत्री कृष्ण कुमार गोयल के चुनाव की कमान संभाली ,,,पार्टी के ट्रेज़रार रहे ,,,फिर खुद भी अपने क्षेत्र से कोटा नगरपालिका के पार्षद निर्वाचित हुए ,,अपने क्षेत्र में बेहतर से बेहतर प्रदर्शन किया और लोगों से जुड़े रहे ,,प्रेम चंद जेन एडवोकेट की अपने साथियों के साथ मित्र मंडली में तीन टोपियां मशहूर रही है ,,कन्हैया लाल शर्मा एडवोकेट ,, पूर्व महापौर ईश्वर लाल साहू एडवोकेट की तिकड़ी एक ही तरह की टोपी लगाकर अदालत में आते थे और हंसमुख व्यवहार के तहत सभी का दिल जीतते रहे है ,,,ना काहू से दोस्ती ना कहौ से बेर के सिद्धांत पर चलने वाले प्रेमचंद दमदमा वाले संभागीय आयुक्त ,,भवन कर वसूली विभाग ,,,नगर निगम ,,नगर विकास न्यास सहित कई विभागों के लगातार वकील रहे और अनेकों बार सरकार को संकट के दौर से निकाला है ,,,,,,,,,,हज़ारों हज़ार मुक़दमों की जीत के बाद भी आज इकियासी साल के नौजवान की हैसियत से आप नियमित रूप से खुद अपने दुपहिए साधन से अदालत आते है ,,,सेलेक्टेड चॅलेंजिंग मुक़दमों की पैरवी करते है ,,सलाहियत से अदालतों में अपनी बात कहते है ,,बच्चों में बच्चे ,,बुज़ुर्गों में बुज़ुर्ग बनकर बतियाते है ,,हंसी मज़ाक करते है और छोटों को बातों ही बातों में क़ानूनी ज्ञान देकर चले जाते है ,,,,प्रेमचंद जेन दमदमा वालों में ,,उनके तर्कों में ,,उनकी वकालत में ,,उनकी सियासत में ,,,उनकी नफासत में ,,उनके क़ानूनी ज्ञान में ,,उनके प्यार ,,उनकी सद्भावना में आज भी दम है और शायद इसीलिए आज भी वोह दम दमावाले आज भी दर्जनों जूनियर प्रशिक्षकों की फौज होने के बाद भी सबसे अलग सबसे जुदा है ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,ईश्वर उन्हें सह्त्याब रखे ,,,,,,,,,,,उम्रदराज़ रखे ,,,,,अख़्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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