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09 मार्च 2015

मुफ्ती अब आतंकी फक्तू समेत 800 को रिहा करने की तैयारी में


जम्मूजम्मू-कश्मीर में अलगाववादी नेता मसरत आलम की रिहाई को लेकर हंगामा जारी है। इस बीच पीडीपी-भाजपा सरकार ने 22 साल से जेल में बंद कई हत्याएं करने वाले आतंकी डॉ. मोहम्मद कासिम फक्तू समेत 800 अन्य ‘राजनीतिक’ कैदियों की रिहाई की तैयारी शुरू कर दी है।
अपनी ही सरकार के मुखिया का पुतला जलाते भाजपा कार्यकर्ता।
अपनी ही सरकार के मुखिया का पुतला जलाते भाजपा कार्यकर्ता।

सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद ने फक्तू समेत 15 बंदियों की फाइलें मंगा भी ली हैं। जिन्हें रिहा किया जा सकता है उनमें से ज्यादातर 2010 में हुई पत्थरबाजी की घटना के बाद से जेल में बंद हैं। इनमें जेकेएलएफ, हुर्रियत के गिलानी गुट, मीरवाइज गुट, शब्बीर शाह समेत अन्य गुटों के नेता शामिल हैं। फक्तू पर मानवाधिकार कार्यकर्ता एचएन वांचू की भी हत्या का आरोप है। पब्लिक सेफ्टी एक्ट के तहत 35 लोग जेल में बंद हैं। इस बीच मसरत आलम ने फिर जहरीला बयान दिया। उसने कहा कि ‘कुर्बानी खाली नहीं जाएगी। हम आजादी लेकर रहेंगे।’ उधर दिल्ली में पाक उच्चायुक्त अब्दुल बासित ने अलगाववादी नेता गिलानी से भी भेंट की है।
भाजपा ने मसरत की फिर गिरफ्तारी की मांग की
भाजपा के जम्मू-कश्मीर प्रांत के महासचिव राजीव जसरोटिया के नेतृत्व में नौ विधायकों ने मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद से भेंट की। उनसे मसरत आलम को फिर गिरफ्तार करने की मांग की। उधर, मसरत की रिहाई के खिलाफ राज्य में कई राजनीतिक दल जोरदार प्रदर्शन कर रहे हैं। पैंथर्स पार्टी ने 48 घंटे का बंद बुलाया है।
हो-हल्ले की वजह अपनी-अपनी राजनीति
  • पीडीपी घाटी खोना नहीं चाहती है... पीडीपी को पता है कि सरकार ज्यादा दिन नहीं चलनी है। उसने विचारधारा के विपरीत भाजपा से गठजोड़ किया है। वह अलगाववादी नेताओं की रिहाई से घाटी को संदेश देना चाहती है कि वह एजेंडे पर कायम है। चुनाव हुए तो इन फैसलों से घाटी में फायदा होगा।
  • भाजपा जम्मू बचाने की जुगत में... भाजपा सरकार में है। ऐसे में अलगाववादी नेताओं की रिहाई का विरोध करना जरूरी है। ऐसा नहीं किया तो भाजपा को जम्मू में लोगों के गुस्से का सामना करना पड़ेगा। जल्द चुनाव हुए तो नुकसान भाजपा को ही होगा। कांग्रेस मजबूत होगी। इसलिए ध्रुवीकरण पर जोर देना जरूरी है। पार्टी इसी कोशिश में लगी है।
संसद में भी हंगामा
कृपया हमें देशभक्ति न सिखाएं। जम्मू-कश्मीर सरकार ने हमें कोई जानकारी नहीं दी। आप भाजपा की आलोचना कर लें पर देश की एकता के संबंध में दो स्वर नहीं जाना चाहिए। -नरेंद्र मोदी
मुफ्ती बोल चुके हैं कि वे सबकुछ पीएम को बता चुके हैं। फिर सरकार को कुछ कैसे पता नहीं? सफाई तो देनी होगी...
-मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस
जम्मू-कश्मीर सरकार से कुछ स्पष्टीकरण मांगा है। भरोसा रखिए देश के खिलाफ जाने वालों के खिलाफ जरूर कदम उठाएंगे। -राजनाथ सिंह
प्रधानमंत्री बताएं कि मसरत आतंकी है या राजनीतिक बंदी। अगर उसे राजनीतिक बंदी कह रहे हैं तो हम में और पाक में क्या फर्क रह गया। -मनीष तिवारी, कांग्रेस

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