दक्षिणी भारत की संस्था सोशो इकोनोमिक रिसर्च एंड कम्युनिटी डवलपमेंट ने
स्थानीय लोगों की मदद से राजस्थान में कोटा शहर स्थित जे के नगर वेम्बे
योजना का सर्वेक्षण कराकर इस क्षेत्र के लोगों का दक्षिणी भारत विकास
प्रबंधन पर विकास करने और स्थानीय लोगों को सुखःसुविधाये दिलवाने का निर्णय
लेते हुए स्थानीय लोगों को इसकी मॉडल ज़िम्मेदारी सौंपी है
,,,,,,,,,,संस्था के सेवानिवृत्त आई पी एस यु निसार अहमद एवं मौलाना खालिद
बेग ने बताया की कोटा जे के नगर वेम्बे योजना में प्रारम्भिक सर्वे के
हिसाब से वहां 207 परिवार निवासित है जिनमे कुल 1022 लोग रहते है ,,,सर्वे
के मुताबिक़ इस बस्ती में 38 वृद्ध 36 विधवा ,,40 अनाथ बच्चे है ,यहां 94
बच्चे ऐसे है जो नर्सरी स्कूल में पढ़ने नहीं जाते है जबकि 165 बच्चो ने
प्रारम्भिक पढ़ाई के बाद स्कूल जाना बंद कर दिया है ,,इस बस्ती में रहने
वाले वृद्ध ,,वृद्धा ,,विधवा ,,विकलांगो की पेंशन नहीं है ,,राशन कार्ड
,,,बी पी एल कार्ड नहीं है ,,आधार कार्ड वोटर आई डी कार्ड कई लोगों के नहीं
बने है ,,जबकि इनके रहने के लिए जो मकान है वोह पर्याप्त सुविधायुक्त होना
तो दूर बल्कि मरम्मत आभाव में जर्जर है ,, उन्होंने आह्वान किया के इस
वेम्बे योजना को स्थानीय लोग अपने समाजसेवा क्षेत्र में ले और यहां के
लोगों की पेंशन ,,,राशन कार्ड ,,आधार कार्ड ,,बी पी एल कार्ड ,,शिक्षा
,,चिकित्सा सुविधा के अलावा आवास व्यवस्था के प्रयास किये जाए यह सब सरकार
की कल्याणकारी योजनाओ का पूरा लाभ उन्हें अगर दिलवा दिया जाए तो इनकी
समस्याओं का संधान होकर यह बस्ती आदर्श मॉडल बस्ती बन सकती है ,,,,,,आज
कोटा में कर्नाटक से आये समाज सेवी संस्था के यु निसार अहमद ने बताया के
समाज सेवा कार्य का प्रबंधन किस तरह से किया जाए उन्होंने दक्षिणी भारत के
बेंगलोर सहित कई स्थानो पर समाजसेवा कार्यों की रिपोर्ट पेश करते हुए कहा
के हम किसी भी मस्जिद के इलाक़े में आने वाली दरिद्र बस्ती का सर्वे करवाते
है ,,जिसमे घरों की संख्या ,,घरों की स्थिति ,,रहनसहन का स्तर ,,चिकित्सा
,,शिक्षा ,,,पानी ,,बिजली ,,सरकारी सुविधाओ के लाभ का सर्वेक्षण करवाते है
,,कितने लोग वृद्ध है ,,,किनती महिलाएं विधवा तलाक़शुदा है परित्यक्ता है
,,बच्चे यतीम है ,,किनते बच्चे स्कूल पढ़ने की उम्र के है लेकिन स्कूल नहीं
जा रहे है ,, कितने बच्चे कामकाजी है और प्रदूषित खतरनाक उद्योगों में
कार्यरत है ,,ड्रेनेज ,,शौचालय की क्या व्यवस्था है बी पी एल ,,आधार ,,वोटर
आई डी ,,राशनकार्ड व् अन्य सरकारी दस्तावेज किसके पास है किसके पास नहीं
है ,,किनती बच्चियां ,,बच्चे शादी योग्य है ,,किनते लोगों को रोज़गार
स्वरोज़गार की आवश्यकता है उनका सर्वे कराया जाता है फिर इनके सभी काम जिसमे
अधिकतम प्रबंधन तरीके से सरकारी योजनाओ का अधिकतम लाभ इन्हे दिलवाया
जाता है ,,मकान बनवाकर दिए जाते है ,,स्कूल ,,चिकित्सालय खोले जाते है
,,रोज़गार के अवसर उपलब्ध करवाये जाते है ,,सरकारी सभी सुविधाये उपलब्ध
करवाई जाती है और इस तरह की बस्ती को आदर्श बस्ती बना दी जाती है
,,उन्होंने कहा की एक बस्ती जो मस्जिद क्षत्र में है अगर प्रत्येक मस्जिद
कमिटी ऐसा करे तो दरिद्रता दूर हो जायेगी ,,उन्होेन कहा के सेवा कार्य किसी
एक धर्म का नहीं खिदमते ख़ल्क़ है और जो भी ऐसे इलाक़े में रहते है चाहे वोह
किसी भी जाती समाज के हो उनके लिए सेवा कार्य बिना ज़ात पात धर्म के किया
जाता है ,,,उन्होंने हवाला दिया के हुज़ूर स अ व ने पहले इबादत के लिए
मस्जिद बनाई ,,फिर दारुल उलूम यूनिवर्सिटी पढ़ाई के लिए बनाई ,,फिर हुज़ूर स अ
व पुरे शहर में घूम कर देखते थे के कोई भूखा ,,परेशान ,,तकलीफ में तो नहीं
है ,,बेवाये ,,यतीम ,,परेशान कोन है और ऐसे लोगों को चिन्हित कर मदद उनके
घर पर पहुंचाई जाती थी इसी तर्ज़ पर हम खिदमते ख़ल्क़ कर हमारे इस मुल्क को
व्यवस्थित मदद से समस्यामुक्त और विकसित बना सकते है ,,,,,,,,कार्यक्रम को
पूर्व मंत्री हाजी इब्राहिम कुरैशी ने भी सम्बोधित किया जबकि संचालन अंसर
इन्दोरी ने किया कार्यक्रम की सदारत नायब क़ाज़ी ज़ुबेर अहमद ने की ,कार्यक्रम
में पार्षद मोहम्मद हुसेन ,,,,ज़ाकिर रिज़वी ,,इमरान कुरैशी ,,,डॉक्टर आज़म
बेग ,,,गफ्फार मिर्ज़ा ,,वहीद अंसारी ,,,अज़ीज़ अंसारी ,,अख्तर खान अकेला
,,,हाफ़िज़ रशीद क़ादरी ,,रफ़ीक़ बेलिएम ,,,,इंजीनियर जावेद हाशमी सहित दर्जनो
शिक्षाविद ,,समाजसेवक उपस्थित थे ,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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