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28 फ़रवरी 2015

कहते है सियासत हो या फिर निजी ज़िंदगी.....

कहते है सियासत हो या फिर निजी ज़िंदगी उसमे बड़बोले पन ,,और आसमान पर थूकना खुदा को ,,अल्ल्लाह को ,,,,भगवान को बुरा और बहुत बुरा लगता है ,,,एक नरेंद्र मोदी जी जो खुद को खुशनसीब कह कह कर इतराते थे ,,आज उनका हश्र देख लो खुदा क्या कर रहा है ,,इसी तरह हमारे राजस्थान के पूर्व पंचायत मंत्री भरत सिंह सभी सरपंच पतियों पर खुलेआम बरसते थे ,,कहते थे के सरपंच पतियों ,,पत्नियों के काम में दखल ना दो ,,महिला सरपंचों को बाहर निकालों ,,,,,सभी मीटिंगों , में अधिकारीयों ,,मंत्रियों से वार्ताओं में अकेले महिला सरपंच को भेजो सरपंची में सरपंच पति बनकर कोई दखल न दो ,,,भरत सिंह के इस तकिया कलाम पर कई सरपंच पति नाराज़ होते थे ,,लेकिन उनका स्वभाव ऊँची आवाज़ इस मामले में बनी रही ,,,अब देखिये खुदा ने वक़्त पलटा है ,, पूर्व मंत्री भरत सिंह तो कुंदनपुर गाँव के पंच बने है ,,इनकी पत्नी सरपंच बनी है ,,अब भरत सिंह का वक़्त पलटा ,,खुदा ने वक़्त पलटा ,,अब खुद भरत सिंह सरपंच पति है इनकी पत्नी सरपंच है ,,,और इनकी पत्नी भी सीधे किसी अधिकारी ,,किसी मंत्री ,,किसी जनता से संवाद नहीं कर रही है ,,सरपंच पति भरत सिंह को ही यह सब करना पढ़ रहा है ,,वोह बात अलग है के निर्विरोध पंचायत का चुनाव होने से वहां एक करोड़ अलग से विकास के लिए मिलेंगे जबकि इसी पंचायत के जिलाप्रमुख बने है ,,गाँव की सरकार आज भी उनकी मुट्ठी में है ,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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