एक अकेले अरविन्द केजरीवाल से पुरे देश की सियासत डरी और सहमी हुई है
,,,,,थोड़े से दिन के मुख्यमंत्री कार्यकाल में अरविन्द केजरीवाल की स्टाइल
ने पुरे हिन्दुस्तान के अलग अलग राज्यों के मुख्यमंत्रियों को अपना ऐशो
आराम ,,सुख सुविधायें छोड़ कर मितव्यतता बरतने पर मजबूर कर दिया था ,,,लोग
सियासत में मज़े करने ,,ऐश करने ,,रॉब गांठने आते है ,,गाँधीवादी तरीके से
पत्थर खाने ,,,,थप्पड़ खाने ,,आरोप लगवाने नहीं आते ,,,बस इसीलिए सियासत के
इस नेक भूचाल को रोकने के लिए पूरा हिन्दुस्तान एक तरफ और अकेले
केजरीवाल एक तरफ ,,,लेकिन कुछ है बात इस देश में थोड़े बहुत है ऐसे लोग जो
देश के लिए काम करने वालों को पसंद करते है ,,जो ईमानदारी को पसंद करते है
जो जानते है के एक हाथी के पीछे सैकड़ों कुत्ते भोंकते है लेकिन उस हाथी का
कुछ नहीं बिगड़ता ,,इसीलिए अकेले केजरीवाल को हराने के लिए सभी हथकंडो के
साथ ,,मिडिया खरीद फरोख्त के साथ पूरा देश ,,देश की सियासत लग गयी है
,,नतीजा क्या होगा पता नहीं लेकिन केजरीवाल भाजपा की तो गले की हड्डी बन गए
है ,,,अगर दिल्ली की जनता में ,,,दिल्ली के मतदाताओं में ज़रा भी ज़मीर
ज़िंदा है तो निश्चित तोर पर दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल होंगे और अगर
ऐसा हुआ तो देश के सभी मुख्यमंत्रियों की सुख सुविधाये और ऐशो आराम उन्हें
छोड़ना होंगे ,,,अपने काम काज के तरीके बदलना होंगे वरना उनके इलाक़े की
जनता केजरीवाल की तरह काम नहीं करने के कारन उनके कान उमेठेगी
,,उद्योगपतियों और ठेकेदारो का मुनाफा कम होगा ,,,,रिश्वतखोरी ,,मिलावटखोरी
,,लेटलतीफी ,,हरामखोरी पर रोक लगेगी ,,,,बस इसीलिए देश के लोग चाहते है के
बदलाव नहीं आये ,,जनता को सुकून नहीं मिले ,,अगर केजरीवाल का बहुमत नहीं
आता है ,,,तो फिर केजरीवाल प्रतीपक्ष के नेता बनेंगे दिल्ली की सरकार और
भाजपा की सरकार के लिए यह और घातक होगा ,,एक राजयसभा का सदस्य उनका जाएगा
,,,,,तो फिर जनाब देश में जो कुलियों में गुड फूटते है वोह नहीं हो सकेगा
,,,खेर भाजपा ने तो भाजपा का अस्तित्व खत्म कर किरणबेदी को केजरीवाल के खौफ
के कारण आयात किया है ,,,कई कोंग्रेसियों ,,सपाइयों ,,जनता दल ,,बसपा के
लोगों का मिश्रण किया है ,,मूल भाजपा ,,मूल भाजपाई तो कतार में है और नए
नवेले लोग भाजपा में मज़े कर रहे है ,,देखते है ऊंट किस करवट बैठता है लेकिन
जिस भी करवटं बैठे भाजपा के लिए तो केजरीवाल गले की हड्डी ही है
,,,,केजरीवाल के सियासत में आने से एक तो गरीब आम आदमी को फायदा हुआ
,,दूसरे मीडया वालों फायदा पहुंचा है ,,जमकर रुपयों की बारिश हुई और देश
में किसी के अच्छे दिन आये हो या ना हों ,,मीडिया वालों के तो अच्छे दिन
,,बहुत अच्छे दिन आ ही गए जनाब ,,,,,,,,, अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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