दोस्तों मेरे द्वारा कांग्रेस संगठन और कोंग्रेसियों के बारे में वर्षो से
लगातार कही जा रही ,,लिखी जा रही बात एक दम सही और सच साबित हुई ,,,मेरी
लेखनी ,,मेरी लिखित भविष्यवाणी सच साबित हुई इस मामले में मुझे ख़ुशी नहीं
अफ़सोस है ,,क्योंकि लगातार चेताने के बाद भी कांग्रेस और कांग्रेस को चलाने
वाले लोग चेते नहीं और कांग्रेस को अपने अहंकार ,,अपने दम्भ ,,अपनी मनमानी
,,,अपनी लूटखसोट में डुबोते रहे ,,डुबोते रहे और आज कांग्रेस को इस स्थिति
में लेकर खड़ा कर दिया गया है ,,,,मुझे ख़ुशी इस बात की
है के पहले में कांग्रेस के डूबने और कांग्रेस के बर्बादी की कहानी ,,इसे
बर्बाद करने वालों का सच लिखता था तो कांग्रेस में भाईसाहबों के गुलाम
मेरी चुगली करते थे ,,मुझ से नफरत करते थे ,,मुझ से चिढ़ते थे ,,,,बदले की
भावना से मेरा नुकसान करते थे ,,कई बार आमने सामने बहस करते थे
,,,कोंग्रेसियों के लिए सच लिखना मेरे लिए खतरनाक और मुसीबत था लेकिन में
सच से भागा नहीं ,,मेरा नुकसान करने वालो से डरा नहीं में कहता रहा जब तक
कांग्रेस चमचावाद ,,चपलुसवाद से बाहर नहीं आएगी जब तक कांग्रेस स्थानीय
स्तर से लेकर केंद्रीय स्तर तक कार्यकर्ताओं से खुले आसमान के नीचे उन्हें
भूखा प्यासा खड़ा रखकर इन्तिज़ार करवाने और फिर दो मिनट दर्शन देकर नेताओं के
भागजाने की प्रवृत्ति को रोककर कार्यकर्ताओं को बिठाकर तसल्ली से बात
करने उन्हें सुनने की परम्परा क़ायम नहीं करेगी व्यक्तियों से बढ़ा संगठन को
नहीं बनाएगी ,,भाईसाहबों के घर की जगह कांग्रेस ,,कांग्रेस के कार्यालयों
से नहीं चलाई जायेगी तब तक कांग्रेस मज़बूत नहीं होगी ,,में कहता हूँ
कांग्रेस उसके परम्परागत वोटर मुस्लिम ,दलित ,,अल्पसंख्यकों को फिर से
वापसी नहीं कराएगी कांग्रेस अस्तित्व हैं हो जायेगी में कहता था ,,कांग्रेस
हवा में उड़ना बंद करे ज़मीन पर सिसक रहे उसकी कामयाबी की रीढ़ बने वोटर्स की
संवेदनाये जाने ,,उन्हें पर्तीिनिधित्व दे ,,नौकरशाहों ,,चापलूसों चमचो से
आज़ाद हो ,,,,,,राजीव गांधी की तरह जिलेवार अपना गुप्त इफॉर्मेशन सिस्टम
डवलप नहीं करेगी ,,धरातल का सच नहीं जानेगी तब तक कांग्रेस उत्तरप्रदेश
,,बीहार ,,उड़ीसा ,,पश्चिमी बंगाल की तरह सभी राज्यों में जनाधार खोती
जायेगी ,,,,मेरा मज़ाक उड़ाया जाता ,,में अकेला था लेकिन लिखता भी था बोलता
भी था ,,सेमिनारों में भी कार्यकर्ताओं को ज़िंदा करने की कोशिश की उनके
अहसास जगाने की कोशिश की लेकिन जिनकी आँखों पर भाईसाहबों की पट्टियां बंधी
थी ,,,,,उनकी गुलामी की ज़ंज़ीरे उनके गले में पढ़ी थी वोह कांग्रेस संगठन को
मज़बूत कैसे बनाते ,,उनके लिए तो भाईसाहब संगठन से पहले थे ,,खेर में सच
निकला कांग्रेस डूबी ,,लेकिन मुझे ख़ुशी इस बात की है के कांग्रेस एक बार
फिर ज़िंदा होने की तरफ है ,,इस मृदनि के बाद कांग्रेस के कई कार्यकर्ताओं
के अहसासात ,,जज़्बात जागे है वोह मुझे अनुसरण करने लगे है ,,उनमे सच बोलने
,,सच लिखने का जज़्बा पैदा हुआ है ,,,कई लोग भाईसाहबों की मृग मरीचिका से
बाहर निकले है ,,,कांग्रेस को जो मुर्दाबाद कर रहे है उन्हें मुर्दाबाद
कहने लगे है तो जो ज़िंदाबाद कर रहे है उन्हें ज़िंदाबाद कह रहे है ,,,,एक
अच्छी शुरुआत है ,,चुनाव में हार जीत होती है ,,हार जीत कोई नै बात नहीं
,,लेकिन अपनी गलतियों से सबक सीखना जब शुरू कर दिया जाए तो समझ लो फिर से
जीत की शुरुआत हो गई है ,,इसीलिए में कहता हूँ अब एक बार फिर कांग्रेस
मज़बूत होकर ज़िंदाबाद होने जा रही है ,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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