नई दिल्ली. पिछले
विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी होने के बाद भी बहुमत से चूकने व
सत्ता से दूर रही भाजपा इस बार रिश्तेदारों के पैरवी में जुटे भाजपा नेताओं
के चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों समेत अन्य उम्मीदवारों को भी टिकट बांटने
से पहले एहतियात बरत रही है।
आगामी विस चुनाव में मौका हाथ से निकल न जाए इसके लिए भाजपा अध्यक्ष अमित शाह
एमएलए का टिकट बांटने के लिए 3एस यानी संघ, सांसद और सर्वे का फंडा लागू
करने जा रहे हैं। शाह इस बार चुनाव में उन्हीं उम्मीदवारों को टिकट देंगे
जो संघ, सांसद और पार्टी द्वारा करवाए गए सर्वे के पैमाने पर फिट बैठेंगे।
इस बार शाह ने दिल्ली में गुजरात की टीम बुलाकर सभी 70 विधानसभाओं में
उम्मीदवारों की लोकप्रियता व उनकी निष्पक्षता के आधार पर नंबर एक, दो और
तीन का सर्वे करवाया है। शाह सर्वे में नंबर एक से तीन पर आए उम्मीदवारों
के बारे में संघ और सांसद से रिपोर्ट लेंगे। सांसद और संघ की रिपोर्ट को
प्रदेश से आने वाले उम्मीदवारों के नाम से मिलान करने के बाद ही टिकट का
बंटवारा होगा।
कई नेताओं को परिवार के लिए टिकट मांगने पर शाह ने लगाई फटकार
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने केंद्रीय मंत्री डा. हर्षवर्धन को कृष्णा
नगर से अपने बेटे के लिए टिकट मांगने पर जमकर फटकार लगाई है। शाह ने उन्हें
साफ कर दिया कि चुनावी टिकट में परिवारवाद को हावी नहीं होने दिया जाएगा।
ज्ञात हो कि सांसद मनोज तिवारी बुराड़ी से अपने भांजे, सांसद रमेश बिधूड़ी
अपने भतीजे विक्रम बिधूड़ी को तुगलकाबाद, सांसद प्रवेश वर्मा अपने भाई को
महरौली, सांसद उदितराज सुल्तानपुर माजरा से अपने भांजे, सांसद कीर्ति आजाद
अपनी पत्नी के लिए, सांसद विजय गोयल अपनी पत्नी को मॉडल टाउन, पूर्व
मुख्यमंत्री मदन लाल खुराना अपने बेटे को हरिनगर, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष
विजेंद्र गुप्ता खुद को व पत्नी के लिए रोहिणी, पूर्व विधायक ओपी बब्बर
तिलक नगर, वीके मल्होत्रा अपने पुत्र ग्रेटर कैलाश से टिकट दिलवाना चाहते
हैं।
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