एक वक़्त था जब राजस्थान निकाय चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने परिपत्र से
चुनाव नियमसंशोधित कर चुनाव कराने की प्रक्रीया शुरू की थी तब ,,भाजपा का
सधा हुआ क़ानूनी विरोध हुआ और हाईकोर्ट ने फटकार लगाकर इसे रोक दिया ,,,अब
पंचायत चुनाव में भाजपा ने खुलकर ज़्यादती की है लेकिन ,,कांग्रेस अव्वल तो
बहुत देर से चेती और जब चेती तो कांग्रेस के अपरिपक्व विधिविभाग ने इस
मामले में क़ानूनी ज्ञान नहीं होने से सही वक़्त पर सही जगह कार्यवाही नहीं
की नतीजन राजस्थान के पंचायत चुनावों में इस ज़्यादती को यह लोग नौसिखिये
तरीके अपनाने से रोक नहीं पाये ,,उलटे अदालत से लताड़ खाकर वापस आ गए
,,कांग्रेस के लोग जब सत्ता में थे तब भी अदालत से लताड़ खाते थे और जब
सत्ता में नहीं है तब भी अदालत में उनके साथ वैसा ही सुलूक हो रहा है ,,ऐसा
क्यों इस पर चिंतन मंथन किया जाकर महत्वपूर्ण निर्णय महत्वपूर्ण निर्णय
लेना होगा ,,,,अख्तर
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