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05 जनवरी 2015

शंकर सिंह मानवता का पाठ पढ़ा रहे है ,,,नैतिक शिक्षाओ से कैदियों का मन बदलने की कामयाब कोशिशों में जुटे है

भारत के सबसे बढ़े राज्य ,,,राजस्थान के शिक्षानगरी में अधिकतम अपराधियों वाली कोटा जेल में इन दिनों जेल अधीक्षक शंकर सिंह मानवता का पाठ पढ़ा रहे है ,,,नैतिक शिक्षाओ से कैदियों का मन बदलने की कामयाब कोशिशों में जुटे है ,,,इसी कड़ी में जेल अधीक्षक शंकर सिंह का संकल्प है के उनकी जेल में जो भी आएगा वोह साक्षर होकर जाएगा ,,अगर  अंगूठा लगाकर आया है तो रिहाई के वक़्त कमसे कम हस्ताक्षर करना सीख कर  ही जाएगा ,,,,,जो साक्षर है वोह आगे की पढ़ाई में एडमीशन लेकर पढ़ेगा और डिग्रीधारी बनकर जाएगा ,,,,,शंकर सिंह हिन्दू ,,मुस्लिम ,,सिक्ख ,,ईसाई ,,धर्मग्रंथों के माध्यम से कैदियों को नैतिक शिक्षा का पाठ पढ़ाते है और धार्मिक अवसरों पर धर्मगुरुओं के व्याख्यान करवाकर मनोवैज्ञानिक तरीके से कैदियों को नैतिक शिक्षा की तरफ जाग्रत करते है ,,,,,कोटा जेल में आज  की तारीख में सम्पूर्र्ण साक्षर क़ैदी ,है ,जेल अधीक्षक शंकर सिंह ने जेल में सतत शिक्षा अभियान  की अलख जगाई है ,,कैदियों से ही कैदियों को पढ़ाने का संकल्प लिया है जो केदी पढ़े लिखे है वोह गुरूजी और जो कम पढ़े लिखे है वोह चेले बन गए है ,,,कोटा जेल के 264 कैदियों को इग्नू विश्वविधिालय से पढ़ाने के लिए  पंजीकृत कराया गया है ,,जिसमे नो एम ऐ ,,बाईस बी ऐ ,,,,दो सो तेतीस लोग बी पी पी के कोर्स के लिए पंजीकृत किये गए है ,,तीन सो पचास लोग सतत शिक्षा का कोर्स कर रहे है ,,,इन सभी पढ़ाकू कैदियों को शंकर सिंह ने अपने स्तर पर सरकार ,,समाजसेवी संस्थानों से मदद दिलवाकर पंजीयन शुल्क और पढ़ाई  का कोर्स दिलवाया है ,,,,,,कोटा जेल में कुल कैदियों की संख्या अब एक हज़ार इक्क्यासी बची है जिसमे से सात सो  इक्क्यासी अंडर ट्रायल ,,,तीन सो सज़ायाफ्ता कैदी है ,,इनमे चौबीस महिलाये है जिनके साथ  दो बच्चे है ,,,जेल अधीक्षक शंकर सिंह  और अधीनस्थ स्टाफ कोटा जेल को आदर्श जेल ,,सम्पूर्ण साक्षर जेल बनाने की दिशा में कामयाब हो गए है ,,वोह रोज़ सुबह से शाम तक कैदियों के बीच रहकर उनकी परेशानियां सुनते है ,,उन्हें दूर करते है ,,अवसर पढ़ने पर समाजसेवी संस्थाओं से मदद लेते है ,,,सरकार से बजट मांगते है ,,,,,,,,कोटा जेल में कैदी को चाहे सज़ा  काटने के लिए भेजा जाता हो लेकिन एक कैदी पारिवारिक माहोल में धार्मिक स्वतंत्रता के साथ ,,,अपनी अपनी धार्मिक आस्थाओं के साथ ,,,अपने कुकर्मों पर आत्मचिंतन करता है ,,,गलती स्वीकारता है  और फिर प्रायश्चित का रास्ता अपनाकर खुद को फिर से सुधार की तरफ ले जाने का संकल्प लेकर आदर्श नागरिक बनने की पहल करता है ,,,,,,,,,,,,ऐसे कुशल प्रशासनिक प्रबंधक ,,मानवाधिकारों के संरक्षक जेल अधीक्षक कोटा शंकर सिंह को सलाम ,,सेल्यूट ,,,, हाल ही में पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इण्डिया के प्रदेश अध्यक्ष अनीस अंसारी ,,,शोएब भाई ,,,नवेद अख्तर ,,,कोटा शहर क़ाज़ी अनवर अहमद ,,, में खुद ,अख्तरखान अकेला ,,,,ऐ डी चड्डा ,साक्षरता सामग्री सोपंते वक़्त इस सच्चाई के साक्षात गवाह भी बने है ,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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