चंडीपुर (पश्चिम बंगाल): पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी
के भतीजे और तृणमूल सांसद अभिषेक बनर्जी को पार्टी की एक रैली में एक युवक
ने थप्पड़ जड़ दिया। बताया जा रहा है कि थप्पड़ मारने वाला शख्स तृणमूल का
कार्यकर्ता है और वह पार्टी से बेहद नाराज था।
घटना पश्चिम बंगाल के पूर्वी मिदनापुर जिले के चंडीपुर में रविवार को
हुई। पूर्वी मिदनापुर जिले को तृणमूल का गढ़ माना जाता है। अभिषेक जैसे ही
मंच पर चढ़े, उन्हें तृणमूल कार्यकर्ता ने चांटा जड़ दिया। थप्पड़ मारने
वाला युवक सांसद का वीडियो बनाने की बात कहकर मंच के करीब तक आ गया और बाद
में इस हरकत को अंजाम दिया। स्टेज पर मौजूद लोगों ने मंच को बनाने में
इस्तेमाल बांस आदि को निकालकर उसकी पिटाई करनी शुरू कर दी। पिटाई के बाद
युवक की हालत बेहद गंभीर है और उसे तमलुक जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया
है।
खबरों के मुताबिक, बाद में मौके पर मौजूद मीडियाकर्मियों से भी
धक्कामुक्की की गई और उनके कैमरे तोड़ दिए गए। तृणमूल कार्यकर्ता युवक की
पिटाई की फोटो खींचे जाने की वजह से नाराज थे। कार्यकर्ताओं ने पथराव भी
किया, जिसमें एसडीपीओ और कई मीडिया कर्मियों को चोटें आई हैं।
विपक्ष ने साधा निशाना
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष राहुल सिन्हा ने कहा कि अभिषेक बनर्जी को
थप्पड़ मारा जाना टीएमसी के अंदर चल रहे माहौल का ही नतीजा है। सिन्हा के
मुताबिक, हो सकता है कि थप्पड़ मारने वाला युवक शारदा घोटाला का पीड़ित हो।
हालांकि, उन्होंने माना कि किसी जन प्रतिनिधि को इस तरीके से थप्पड़ मारना
उचित नहीं है। सीपीएम सांसद मोहम्मद सलीम ने कहा कि टीएमसी नेताओं के
खिलाफ लोगों में गुस्सा बढ़ रहा है। टीएमसी समर्थक भी शारदा घोटाला, राज्य
की अव्यवस्था से परेशान हैं। हालांकि इस तरह किसी सांसद को थप्पड़ मारना
ठीक नहीं। युवक की बुरी तरह पिटाई करके भी तृणमूल कार्यकर्ताओं ने कानून को
अपने हाथ में लिया है। लेफ्ट नेता अतुल अंजान ने कहा कि किसी बाहरी शख्स
ने घटना को अंजाम नहीं दिया, यह पार्टी के अंदरुनी विवाद का ही नतीजा है।
वहीं, वहीं, तृणमूल प्रवक्ता डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि कोई व्यक्ति स्टेज
पर आकर अभिषेक के साथ फोटो खिंचवाना चाहता था, संभवत: उसी ने चांटा मारा
है। ब्रायन के मुताबिक, इस मामले में किसी बाहरी के शामिल होने की आशंका से
इनकार नहीं किया जा सकता।
कौन हैं अभिषेक बनर्जी
-अभिषेक बनर्जी ममता के बाद परिवार से सक्रिय राजनीति में आने वाले दूसरे व्यक्ति हैं। ममता बनर्जी के भाई अमित बनर्जी के बेटे न केवल आज तृणमूल कांग्रेस से सांसद हैं, बल्कि कई मौकों पर उन्हें ममता के उत्तराधिकारी के रूप में पेश किया जाता रहा है। वह 2014 आम चुनाव में डायमंड हार्बर लोकसभा सीट से जीत कर संसद पहुंचे हैं।
-अभिषेक बनर्जी ममता के बाद परिवार से सक्रिय राजनीति में आने वाले दूसरे व्यक्ति हैं। ममता बनर्जी के भाई अमित बनर्जी के बेटे न केवल आज तृणमूल कांग्रेस से सांसद हैं, बल्कि कई मौकों पर उन्हें ममता के उत्तराधिकारी के रूप में पेश किया जाता रहा है। वह 2014 आम चुनाव में डायमंड हार्बर लोकसभा सीट से जीत कर संसद पहुंचे हैं।
-पहली बार 2011 में अभिषेक उस वक्त सुर्खियों में आए थे, जब उन्होंने
अपनी पार्टी के राज्यसभा सांसद डेरेक ओब्रेन के साथ मिलकर हॉटमेल के
संस्थापक सबीर भाटिया को पार्टी के ऑनलाइन अभियान की डिजाइनिंग के लिए चुना
था। अभिषेक का नाम शारदा घोटाले से भी जुड़ चुका है।
-सांसद बनने से पहले ट्रैफिक नियम का उल्लंघन करने के बाद एक पुलिस
अधिकारी द्वारा रोके जाने पर उन्होंने उसे कथित तौर पर थप्पड़ मार दिया था ।
जब पुलिस उन्हें थाने ले गई थी तो उन्हें वहां छुड़ाने के लिए सूबे के एक
मंत्री पहुंच गए थे।
-अभिषेक तृणमूल यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं। कुछ वक्त
पहले एक युवती के कथित शारीरिक शोषण के मामले में जाधवपुर यूनिवर्सिटी में
स्टूडेंट्स के प्रदर्शन पर उन्होंने विवादित बयान दिया था। अभिषेक ने कहा
था, ''क्या यह विरोध इसलिए हो रहा है क्योंकि सरकार ने ड्रग्स, शराब और चरस
पर बैन लगा दिया है।''
कोई थप्पड़ खा रहा है तो किसी पर जूता उछाला जा रहा है ,अब नेताओं के साथ यही होना है , आगे आगे अभी तो ये घटनाएँ और बढ़ेगी,जनता के धैर्य का बाँध टूटने लग गया है
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