लखनऊ. उन्नाव में परियर गांव से सटे परियर घाट पर गंगा नदी में मिले 200 से ज्यादा शव और उनके अवशेष मिलने का
मामला तूल पकड़ता जा रहा है। उन्नाव की डीएम सौम्या अग्रवाल के आदेश पर
शवों को नदी के किनारे बालू खोदकर दफनाया जा रहा है। इस काम में पांच
जेसीबी मशीनें लगी हैं। बरामद लाशों में से करीब 30 के दांत और बाल डीएनए
टेस्ट के लिए लिए गए हैं। एक अनुमान के मुताबिक बरामद शव छह महीने से लेकर
एक साल पुराने हो सकते हैं। यही वजह है कि लाशों का पोस्टमार्टम नहीं कराया
जा सकता क्योंकि शव बहुत ज्यादा गल चुके हैं और उन्हें उठाने पर शरीर के
हिस्से अलग हो रहे हैं।
प्रशासन की कार्रवाई से कई लोग नाराज भी हैं। कुछ लोगों का मानना है
कि हिंदू रीति-रिवाज के अनुसार इन शवों का दोबारा अंतिम संस्कार नहीं हो
सकता है। कई
ग्रामीणों ने तो प्रशासन के सामने यहां तक बोल दिया कि जिला प्रशासन के
दबाव में ऐसा कोई फैसला ना लिया जाए जिससे आने वाले दिनों में परेशानी खड़ी
हो जाए। साक्षी महाराज के समर्थकों ने भी शवों को नए सिरे से दफनाने का
विरोध किया। उनके विरोध के चलते शवों को दफनाने का काम करीब 10 मिनट तक
रुका रहा।
डीएम ने उन्नाव के सांसद साक्षी महाराज के समर्थकों की ओर से विरोध
किए जाने को दरकिनार करते हुए काम जारी रखने के निर्देश दिए। उनके समर्थक
कह रहे थे कि सांसद के आने तक शवों को दफनाने का काम रोक दिया जाए, लेकिन
डीएम ने कहा कि प्रशासन इतनी देर इंतजार नहीं कर सकता।' साक्षी महाराज
बुधवार को दिल्ली से अपने संसदीय क्षेत्र के लिए निकले।
शवों को फिर से दफनाने का काम शुरू करने से पहले डीएम सौम्या अग्रवाल
ने बुधवार की सुबह आसपास के गांवों के करीब आधा दर्जन ग्राम प्रधानों को
बुलाकर बातचीत की। डीएम ने ग्राम प्रधानों से शवों के अंतिम संस्कार को
लेकर धार्मिक अड़चन के बारे में पूछा। मीडिया की मौजूदगी में डीएम ने कहा
कि शवों को दोबारा यहीं पर बालू के अंदर दबा दिया जाएगा। इसको लेकर सभी
ग्राम प्रधानों ने सहमति में अपने हाथ उठा लिए। हालांकि, मंगलवार तक इन
लाशों को लेकर ग्राम प्रधान प्रशासन को कठघरे में खड़ा कर रहे थे।
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