नई दिल्ली. भारत और अमेरिका के बीच काफी वक्त से ठंडे बस्ते में पड़े सिविल न्यूक्लियर समझौते पर भारत को बड़ी कामयाबी मिली है। अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और पीएम नरेंद्र मोदी ने रविवार को हैदराबाद
हाउस में आयोजित कार्यक्रम में दोनों देशों के बीच हुए कई अहम समझौतों का
एलान किया। इनके मुताबिक, न्यूक्लियर डील में दो बड़े मुद्दों पर दोनों
देशों के बीच गतिरोध दूर हुआ है और सहमति बनी है। अमेरिकी राष्ट्रपति और
पीएम के संयुक्त प्रेस वार्ता के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में विदेश सचिव
सुजाता सिंह ने परमाणु समझौते से जुड़े सवाल पर कहा, 'द डील इज डन।'
मोदी-ओबामा के बीच हॉटलाइन
दोनों देशों के राष्ट्राध्यक्षों के बीच हॉट लाइन बनाने पर सहमति बनी
है। भारत और किसी दूसरे देश के राष्ट्राध्यक्ष के बीच हॉटलाइन बनने का यह
पहला मामला है। इसके अलावा रक्षा, जलवायु परिवर्तन और व्यापार के मुद्दों
पर दोनों देश आपसी सहयोग पर राजी हुए हैं। डिफेंस सेक्टर में रिश्तों को नई
ऊंचाई पर ले जाने और भारतीय रक्षा उद्योग को बेहतर करने से जुड़े समझौते
भी शामिल हैं।
यूएस और भारत के बीच समझौतों के अहम बिंदु
*न्यूक्लियर डील पर दोनों आगे बढ़े, भारत द्वारा पेश किए गए दो प्रस्ताव पर सहमति बनी
--इंश्योरेंस पूल बनाएं जाएंगे, जिसमें चार बड़ी बीमा कंपनियां शामिल होंगी।
--न्यूक्लियर मटीरियल की ट्रैकिंग की शर्त से पीछे हटा अमेरिका।
--न्यूक्लियर मटीरियल की ट्रैकिंग की शर्त से पीछे हटा अमेरिका।
*यूएन में स्थायी सीट के लिए अमेरिका भारत का समर्थन करेगा
* पीएम मोदी-ओबामा और दोनों देशों के एनएसए (राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों) के बीच बनेगी हॉटलाइन
*विज्ञान, तकनीक, इनोवेशन, कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा और स्कील्स मसले पर दोनों देश करेंगे सहयोग
*आतंकवाद के मुद्दे पर दोनों देश मिलकर काम करेंगे।
*दोनों देशों के बीच आपसी व्यापार में आएगी तेजी, ओबामा ने कहा
कि पिछले सालों में बाइलेट्रल ट्रेड 60 फीसदी बढ़ा है, नई ऊंचाई पर ले
जाने पर सहमति।
*डिजिटल इंडिया पर भारत का सहयोग करेगा अमेरिका। डिफेंस ट्रेड
और टेक्नालॉजी इनिसिएटिव (डीटीटीआई) को डिफेंस पॉलिसी ग्रूप के तहत बढ़ाया
जाएगा
*डीटीटीआई के तहत मिलेट्री हार्डवेयर बनाने के लिए
को-प्रोडक्शन और को-डेवलपमेंट सहयोग के लिए अमेरिका 17 हाईटेक का ऑफर दिया।
17 में से भारत ने यूएवीएस और एयरक्रॉफ्ट लैंडिंग सिस्टम कैरियर जैसे पांच
ऑफरों में दिलचस्पी दिखाई।
मोदी ने कहा, भारत किसी के दबाव में नहीं
जलवायु परिवर्तन पर पूछे गए सवाल के जवाब में मोदी ने कहा कि चीन और
रूस के जलवायु परिवर्तन समझौता होने से हम पर कोई दबाव नहीं है। मोदी ने
कहा,'भारत पर किसी देश या व्यक्ति का दबाव नहीं है। लेकिन हम पर दबाव इस
बात को लेकर है कि हम अपनी आने वाली पीढ़ियों को क्या देंगे। ग्लोबल
वार्मिंग पर हमारा रूख क्या होगा। इसलिए हम ग्लोबल वार्मिंग मसले पर विश्व
के साथ मिलकर काम करेंगे।'
अफगानिस्तान में भारत के प्रयासों की अमेरिकी ने की सराहना
संयुक्त प्रेस वार्ता के दौरान पीएम मोदी ने स्पष्ट किया कि भारत
पड़ोसी देश अफगानिस्तान में मदद का अभियान जारी रखेगा। अपने बयान में
अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भी स्थायी अफगान बनाने में भारत की कोशिशों की सराहना की।
'ओबामा का दौरा ऐतिहासिक'
विदेश सचिव सुजाता सिंह ने कहा, 'पिछले वर्ष जब पीएम मोदी सितंबर
महीने में अमेरिका गए थे उस वक्त दोनों नेताओं (ओबामा-मोदी) के बीच
न्यूक्लियर डील को पूरा करने पर बात हुई थी। उसके बाद चार महीने से दोनों
देशों के अधिकारियों का एक समूह इस मुद्दे पर बातचीत में लगा हुआ था। इसके
बाद दो मुद्दे इश्योरेंस पूल और वनटूथ्री एग्रीमेंट पर सहमति बन गई। इस
सहमति के लिए तीन दौरों में बातचीत हुई।' इसी के साथ दोनों देशों के बीच
परमाणु करार पूरा हुआ। सुजाता सिंह ने कहा कि ओबामा का यह दौरा ऐतिहासिक
रहा। इश्योरेंस पूल के तहत चार बड़ी सार्वजनिक कंपनियां 750 करोड़ का एक
फंड बनाएंगी और बाकी के 750 करोड़ का भार सरकार पर होगा। इस पूल की कुल
राशि 1500 करोड़ रुपये होगी। दुनिया में कई देशों ने अपने यहां प्लांटों
में कोई हादसा होने पर ऐसे 26 इश्योरेंस पूल बना चुके हैं।
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