अख़बार का मालिक एक एडिटर कार्टूनिस्ट से ,,,,,मुस्लिम और हिन्दू धर्म के
पैगम्बर ,,देवी देवताओं के ऐसे कार्टून बनाओ ,,,,,,जो वोह आपस में भड़क कर
झड़ा फसाद करे ,,,माहोल गरम हो ,,और अराजकता के हालात होने से धर्म की आस्था
वाले देश विश्व की दौड़ में पिछड़ जाए ,,,,,,एडिटर कार्टूनिस्ट ने मालिक को
समझाया ,,,,ऐसा करने से हमे भी गुस्से का शिकार होना होगा ,,,,,,,,,,एडिटर
कार्टूनिस्ट को ऐसे पैगम्बर का कार्टून बनाने के लिए कहा था जिसकी कोई
तस्वीर मौजूद नहीं थी ,,खेर एडिटर कार्टूनिस्ट ने अख़बार
के दफ्तर में मालिक के माता ,,पिता की लगी फोटु को कल्पना में लेकर
कार्टून बना डाले ,,,दूसरे दिन वोह कार्टून मेग्ज़ीनों में थे ,,लेकिन अख़बार
मालिक गुस्से में थे उन्होंने एडिटर कार्टूनिस्ट के ज़ोर से थप्पड़ मारते
हुए कहा के गधे यह तूने किसकी फोटु की कार्टून बना डाली ,,,एडिटर
कार्टूनिस्ट ने कहा के माफ़ी चाहता हूँ आपके माता पिता की कल्पनात्मक फोटु
के कार्टून पर आपको इतना गुस्सा आया तो वोह तो लोगों की धर्म आस्था का
प्रश्न हो जाता है उन्हें कितना गुस्सा आएगा ,,,,अखबार मालिक ने गुस्से में
कहा के बेवक़ूफ़ वोह मेरी माता के साथ मेरे पिता तो है ,,लेकिन मेरी माँ
कहती थी के में किसी पड़ोसी के अंकल की ओलाद हूँ ,,इसलिए तूने यह मेरे पिता
मानकर गलत कार्टून बना दिया ,,,एडिटर कार्टूनिस्ट ने कहा ,,ओह मुझे माफ़
करना आप पड़ोसी की ओलाद है इसीलिए आप की ऐसी हरकते है अब में समझ गया
,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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