भोपाल. मुस्लिम दंपती ने अनाथ हिंदू लड़की का धर्म परिवर्तन
कराए बिना बेटी मानकर उसका पालन-पोषण किया। उसके लिए हिंदू लड़के की तलाश
की और शनिवार को हिंदू रीति-रिवाज से शादी कर कन्यादान भी किया।
कोहेफिजा निवासी उबेज परवेज ने बताया कि साल 2000 में छह वर्षीय शारदा
उनके परिवार का हिस्सा बनी। उबेज की बहन की लड़कियों के साथ शारदा ने भी
पढ़ाई की। उसे सिलाई का कोर्स कराया। शारदा मुस्लिम परिवार में रही, शादी
की उम्र होने पर उसके लिए मुस्लिम समाज से रिश्ते भी आए। लेकिन परिवार ने
तय कर रखा था कि शारदा की शादी हिंदू परिवार में ही करेंगे।
लड़के की तलाश शुरू हुई, बुधनी निवासी द्वारकाप्रसाद सिंगली से बात
चली। दोनों ने एक-दूसरे को पसंद किया और शादी तय हो गई। पहले शारदा और
द्वारका की रजिस्टर्ड मैरिज हुई। फिर मंदिर में हिंदू रीति-रिवाज से शादी
की गई। उबेज ने बताया कि शारदा का कन्यादान उनके भाई हसीन परवेज और भाभी
निकहत ने किया।
शारदा ऐसे हिस्सा बनी थी मुस्लिम परिवार का
हसीन परवेज के एनजीओ को वर्ष 2000 में अजा-अजजा बच्चों के लिए हॉस्टल चलाने का प्रोजेक्ट मिला था। तभी पुलिस को छह साल की बच्ची शारदा मिली। उसके शरीर में घाव थे। इलाज के बाद उसे हॉस्टल में रखने के आदेश हुए। लंबे समय तक उसे यहां नहीं रख सकते थे, इसलिए परवेज उसे घर ले आए। जब शारदा के परिजन का पता नहीं चला तो वह उनके संयुक्त परिवार का हिस्सा बन गई। बहन डॉ. नुरून्निसा की बच्चियों के साथ शारदा की भी परवरिश होने लगी।
हसीन परवेज के एनजीओ को वर्ष 2000 में अजा-अजजा बच्चों के लिए हॉस्टल चलाने का प्रोजेक्ट मिला था। तभी पुलिस को छह साल की बच्ची शारदा मिली। उसके शरीर में घाव थे। इलाज के बाद उसे हॉस्टल में रखने के आदेश हुए। लंबे समय तक उसे यहां नहीं रख सकते थे, इसलिए परवेज उसे घर ले आए। जब शारदा के परिजन का पता नहीं चला तो वह उनके संयुक्त परिवार का हिस्सा बन गई। बहन डॉ. नुरून्निसा की बच्चियों के साथ शारदा की भी परवरिश होने लगी।
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