इंदौर. शनिवार
रात हुई एक दुर्घटना में युवक के सिर की हड्डी टूटकर रोड़ पर गिर गई।
गंभीर हालत में दोस्त उसे अस्पताल ले गए। डॉक्टरों ने ऑपरेशन के लिए अलग
हुई हड्डियां मांगी। दोस्त वापस घटनास्थल पर गए लेकिन एक ही हड्डी लाए।
डॉक्टरों ने कहा यह तो छोटी हड्डी है। दोस्त वापस गए और एक घंटे में
ढूंढ़कर दूसरा हिस्सा लेकर आए। तब रविवार को ऑपरेशन हो सका। ऑपरेशन सफल
रहा। हालांकि युवक अभी भी गंभीर है।
यह अजीबोगरीब वाकया है दशहरा मैदान का। श्योपुर का अभिषेक गुप्ता (22)
रात को दोस्तों के साथ पार्टी कर लौट रहा था। साथ में बाइक पर पंकज नाम का
एक अन्य युवक भी बैठा था। साथ के अन्य दोस्तों के साथ रेसिंग शुरू हो गई।
अन्नपूर्णा रोड पर एक कार उन लोगों को टक्कर मारते हुए निकल गई। 25 फीट तक
वह घसीटता हुआ गया।
साथ के लोग दोनों को लेकर यूनिक अस्पताल पहुंचे। डॉक्टरों ने रात को
ही ऑपरेशन की तैयारी की लेकिन सिर के ऊपर की हड्डी जिसे क्रेनियर वाल्ट
कहते हैं, वह निकल गई थी। गायब मिली। दरअसल अभिषेक की खोपड़ी का वह हिस्सा
सड़क पर ही रह गया था। डॉक्टरों ने दोस्तों को वापस भेजा। वे एक छोटा सा
टुकड़ा ढूंढ़कर लाए, लेकिन यह नाकाफी था।
रात को ढाई बजे दोस्त दोबारा घटनास्थल पर पहुंचे और निकला हुआ हिस्सा
लेकर आए। न्यूरोसर्जन डॉ. दीपक कुलकर्णी ने रविवार सुबह युवक का ऑपरेशन
किया और दोनों हिस्से वापस लगाए। फिलहाल वह वेंटीलेटर पर है। उसका साथी
पंकज भी फिलहाल वेंटीलेटर पर ही है। ऑपरेशन करने वाली टीम में एनेस्थेटिस्ट
डॉ. राजीव लोचन जोशी, डॉ. पंकज तिवारी, डॉ. संजय, डॉ. राम व डॉ. मोहित आदि
शामिल थे।
क्रेनियर वाल्ट एक तरह का कुदरती हेलमेट है
ऑपरेशन करने वाले डॉ. कुलकर्णी कहते हैं कि क्रेनियर वाल्ट एक तरह से भगवान का बनाया हुआ हेलमेट होता है। यह हमारे दिमाग को प्रोटेक्ट करता है। दुर्घटना के समय यह हड्डी वहीं निकल गई। जब रिश्तेदार उसे ढूंढ कर लाए, तब उसे वापस से सिर में फिट किया।
ऑपरेशन करने वाले डॉ. कुलकर्णी कहते हैं कि क्रेनियर वाल्ट एक तरह से भगवान का बनाया हुआ हेलमेट होता है। यह हमारे दिमाग को प्रोटेक्ट करता है। दुर्घटना के समय यह हड्डी वहीं निकल गई। जब रिश्तेदार उसे ढूंढ कर लाए, तब उसे वापस से सिर में फिट किया।
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