नई दिल्ली: क्या आतंकियों द्वारा 26/11 जैसा एक और हमला करने की तैयारी
थी? यह सवाल इसलिए उठा है क्योंकि 31 दिसंबर की रात भारतीय जलक्षेत्र में
घुसी एक संदिग्ध पाकिस्तानी नाव ने इंडियन कोस्टगार्ड के जवानों द्वारा
रोके जाने और पीछा किए जाने के बाद खुद को धमाके से उड़ा लिया था। शुक्रवार
को रक्षा मंत्रालय की ओर से प्रेस नोट जारी कर यह जानकारी दी गई है। घटना
ऐसे वक्त में हुई है, जब अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा
के इस महीने भारत दौरे को लेकर सुरक्षा एजेंसियां हाई अलर्ट पर हैं। बता
दें कि 6 साल पहले नाव पर सवार होकर भारत में घुसे 10 आतंकियों ने मुंबई में भीषण नरसंहार किया था।
यह है पूरा मामला
इंटेलिजेंस एजेंसियों को खबर मिली थी कि पाकिस्तान
स्थित कराची के केटी बंदर की एक मछली पकड़ने वाली नाव अरब सागर में किसी
संदिग्ध काम को अंजाम देने वाली है। इन इन्पुट्स के आधार पर 31 दिसंबर की
रात एक ऑपरेशन चलाया गया था। इस ऑपरेशन में इंडियन कोस्ट गार्ड के शिप्स और
एयरक्राफ्ट शामिल हुए थे। ऑपरेशन में अरब सागर में भारत और पाकिस्तान की
जलसीमा के करीब इस संदिग्ध मछली पकड़ने वाली नाव को ढूंढ़कर निकाला गया। यह
नाव भारतीय जलक्षेत्र 10 से 15 किमी अंदर घुस आई थी। कोस्टगार्ड की नाव ने
पोरबंदर के तट से 350 किमी की दूरी पर दिखे इस नाव के लोगों को रुकने और
जांच में सहयोग करने की चेतावनी दी। लेकिन, नाव ने अपनी स्पीड बढ़ा दी और
भारतीय जलक्षेत्र से भागने की कोशिश की। इंडियन नेवी के जहाजों ने उसका
करीब एक घंटे तक पीछा किया। इसके बाद, फायरिंग आदि करके उसे रुकने के लिए
मजबूर कर दिया। नाव पर चार लोग सवार थे, जिन्होंने सभी चेतावनियों को
नजरअंदाज कर दिया। रोके जाने के बाद संदिग्ध नाव के डेक कंपार्टमेंट के
पीछे छिप गए और उसमें आग लगा दी। उस पर पहले से विस्फोटक लदा था, जिसकी वजह
से उसमें धमाका हो गया और नाव बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। खराब मौसम,
अंधेरे और तेज हवाओं की वजह से नाव या लोगों को बचाया नहीं जा सका। नाव
जलने के बाद वहीं डूब गई। इसके बाद, कोस्टगार्ड और एयरक्राफ्ट ने किसी के
बचे होने की उम्मीद में अपना तलाशी अभियान जारी रखा।
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