नई दिल्ली. लोकसभा चुनाव के लिए टिकटों के बंटवारे के मुद्दे
पर बीजेपी में बगावत के आसार बनते जा रहे हैं। निर्दलीय चुनाव लड़ने की
चेतावनी के बावजूद बाड़मेर से जसवंत सिंह का टिकट कट गया है। उधर, उमा
भारती ने भी पार्टी से भोपाल से टिकट मांगा है। उन्हें झांसी से टिकट दिया
गया है। सतपाल महाराज के भाजपा में शामिल होने
से उत्तराखंड में पार्टी की अंदरूनी लड़ाई बगावत का रूप ले सकती है।
बिहार में भी शत्रुघ्न सिन्हा को पटना साहिब से टिकट दिए जाने से पार्टी
का एक खेमा नाराज है। शुक्रवार को नामांकन भरते वक्त भाजपाइयों ने ही काले
झंडे दिखाए। इन सबके बीच स्वामी चिन्मयानंद भी बीजेपी से बगावत कर
निर्दलीय चुनाव लड़ सकते हैं। दरअसल, बीजेपी ने इस बार जौनपुर का टिकट उनकी
जगह केपी सिंह को दे दिया है। अब चिन्मयानंद का कहना है कि अगर जनता
कहेगी तो वह चुनाव जरूर लड़ेंगे।
गांधीनगर सीट से लालकृष्ण आडवाणी की उम्मीदवारी प्रकरण
के बाद अब जसवंत सिंह बीजेपी की मुश्किलें बढ़ा सकते हैं। दरअसल, शुक्रवार
को बीजेपी ने चार उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की जिसमें बाड़मेर से जसवंत
सिंह को टिकट नहीं दिया गया। उनकी जगह कर्नल सोनाराम चौधरी को टिकट दिया
गया है। सोनाराम चौधरी को राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का करीबी
बताया जाता है और माना जा रहा है कि राजे के इशारे पर ही जसवंत का टिकट
काटा गया है।
बाड़मेर से निर्दलीय लड़ेंगे जसवंत!
जसवंत पहले ही पार्टी को चेता चुके हैं कि अगर उन्हें बाड़मेर से
टिकट नहीं दिया गया तो वह अकेले दम पर चुनाव लड़ेंगे। अब ऐसी खबरें हैं कि
जसवंत ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर बाड़मेर से लड़ने का पूरा मन बना
लिया है। सूत्रों के मुताबिक, इसके लिए वह 24 मार्च को अपना नामांकन दाखिल
कर सकते हैं। अगर जसवंत इस सीट से निर्दलीय लड़ते हैं तो निश्चित तौर पर
बीजेपी और सोनाराम चौधरी की राह आसान नहीं होगी।
उमा भारती का सुर भी बदला
टिकट बंटवारे को
लेकर उमा भारती भी खुश नहीं बताई जातीं। खबर है कि उन्होंने पार्टी
नेतृत्व को बताया है कि वह भोपाल से लड़ना चाहती हैं। उन्हें झांसी से
लोकसभा का उम्मीदवार बनाया गया हैं।