फोटो- कॉलेज में परीक्षा देने जाते हुए रोहतक की पूजा और आरती।
रोहतक. चलती बस में कथित छेड़छाड़ के बाद दो बहनों की बहादुरी
मामले में नित नए मोड़ आ रहे हैं। गुरुवार को प्रदेश सरकार ने भी यू-टर्न ले
लिया। खट्टर सरकार अब दोनों बहनों का गणतंत्र दिवस पर सम्मान नहीं करेगी।
यही नहीं घटना के बाद सस्पेंड ड्राइवर और कंडक्टर को भी बहाल कर दिया गया।
मामले की जांच पूरी होने से पहले ही सरकार बैकफुट पर आ गई है।
पूरे घटनाक्रम पर मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने कहा, "मामला काफी
पेचीदा हो चुका है। पूरा केस लगातार हिचकोले खा रहा है। जांच पूरी होने के
बाद ही कोई फैसला लिया जाएगा। जो भी पक्ष निर्दोष सािबत होगा, उसका सम्मान
दिलाने के लिए सरकार बैठी है। सभी को न्याय मिलेगा।' अब सबसे बड़ा सवाल है
कि क्या सरकार ने पहले जल्दबाजी में और वाहवाही लूटने के लिए युवतियों को
26 जनवरी को सम्मानित करने का फैसला कर लिया था। जांच पूरी होने तक इंतजार
क्यों नहीं किया गया? घटना का वीडियो वायरल होने पर कृषि मंत्री ने सरकार
की ओर से सोनीपत
की दो बहनों के लिए 31-31 हजार का इनाम घोषित कर दिया था। राज्य महिला
आयोग की ओर से उन्हें सम्मानित भी कर दिया गया। सरकार के मंत्री भी
युवतियों के घर हो आए।
वहीं, रोहतक के एसपी शशांक आनंद ने कहा है कि मामले की निष्पक्ष जांच
हो रही है। वहीं, डीएसपी यशपाल खटाना ने बताया है कि 6 गवाहों ने इस संबंध
में अपने बयान दर्ज कराए हैं। जांच पूरी होने पर रिपोर्ट के आधार पर ही
कार्रवाई की जाएगी।
तीन पक्ष : सबका दावा- वे ही सही
1. 'हमें डर नहीं, विरोध तो मोदी भी झेलते हैं '
पूजा व आरती गुरुवार को अपने पिता नरेश के साथ परीक्षा देने राजकीय गर्ल्स कॉलेज पहुंचीं। कहा, "विरोध से वो बिल्कुल नहीं डरतीं। हमारे साथ छेड़छाड़ हुई है। हम आरोपियों को सजा दिलाकर रहेंगी। लड़कों ने गलती नहीं की तो कुलदीप ने माफी क्यों मांगी। उसके पिता ने उसे पीटा क्यों?' बिजली निगम में कार्यरत नरेश ने कहा, "झूठे गवाह तैयार कर हमारे खिलाफ माहौल बनाया जा रहा है, क्योंकि हम पिछड़ी जाति से हैं।'
पूजा व आरती गुरुवार को अपने पिता नरेश के साथ परीक्षा देने राजकीय गर्ल्स कॉलेज पहुंचीं। कहा, "विरोध से वो बिल्कुल नहीं डरतीं। हमारे साथ छेड़छाड़ हुई है। हम आरोपियों को सजा दिलाकर रहेंगी। लड़कों ने गलती नहीं की तो कुलदीप ने माफी क्यों मांगी। उसके पिता ने उसे पीटा क्यों?' बिजली निगम में कार्यरत नरेश ने कहा, "झूठे गवाह तैयार कर हमारे खिलाफ माहौल बनाया जा रहा है, क्योंकि हम पिछड़ी जाति से हैं।'
2. 'अपना मोबाइल देकर खुद बनवाया था वीडियो'
भालौठ से बस में चढ़े तीसरे आरोपी दीपक ने बताया, "मारपीट के दौरान दोनों बहनों में से एक ने अपना मोबाइल देकर तीसरी लड़की से वीडियो बनवाया। गर्भवती महिला द्वारा वीडियो बनाने की बात झूठ है। वीडियो बनने के बाद उसने मोबाइल वापस लिया।' वहीं कुलदीप का कहना है कि अगर उन्होंने छेड़छाड़ की थी तो वीडियो में वो क्यों नहीं है। केवल मारपीट की ही वीडियो क्यों बनाई गई?
भालौठ से बस में चढ़े तीसरे आरोपी दीपक ने बताया, "मारपीट के दौरान दोनों बहनों में से एक ने अपना मोबाइल देकर तीसरी लड़की से वीडियो बनवाया। गर्भवती महिला द्वारा वीडियो बनाने की बात झूठ है। वीडियो बनने के बाद उसने मोबाइल वापस लिया।' वहीं कुलदीप का कहना है कि अगर उन्होंने छेड़छाड़ की थी तो वीडियो में वो क्यों नहीं है। केवल मारपीट की ही वीडियो क्यों बनाई गई?
3. ड्राइवर-कंडक्टर बोले-हम बस को पुलिस चौकी ले जाने के लिए तैयार थे, लेकिन लड़कियां बोलीं- बस देखते जाओ
बहाली के बाद रोडवेज बस चालक बलवान और परिचालक लाभ सिंह ने कहा, "जब घटना हुई तब हमने लड़के और लड़कियों को समझाया। पुलिस चौकी में बस ले जाने और 100 नंबर पर कॉल करने की बात कही, लेकिन लड़कियां बोलीं, "वे पहले ही 1091 नंबर पर फोन कर चुकी हैं। बस देखते जाओ।'
बहाली के बाद रोडवेज बस चालक बलवान और परिचालक लाभ सिंह ने कहा, "जब घटना हुई तब हमने लड़के और लड़कियों को समझाया। पुलिस चौकी में बस ले जाने और 100 नंबर पर कॉल करने की बात कही, लेकिन लड़कियां बोलीं, "वे पहले ही 1091 नंबर पर फोन कर चुकी हैं। बस देखते जाओ।'
सीएम से मिले आरोपी युवकों के परिजन, केस रद्द कर लड़कियों के खिलाफ एफआईआर की मांग
रोडवेज बस में दो बहनों के साथ छेड़छाड़ का मामला बड़े स्तर पर बहस का
मुद्दा बन चुका है। लड़कियां अपने आरोपों पर अडिग हैं तो आरोपी लड़के खुद
को बेकसूर बता रहे हैं।
सच्चाई क्या है और दोनों पक्षों में कौन झूठ बोल रहा है। इसका फैसला
तो जांच के बाद होगा, लेकिन कई मुद्दे और सवाल ऐसे हैं, जिनके जवाब न तो
लड़कियों के पास हैं और न आरोपी पक्ष के पास। बस में छेड़छाड़ की वीडियो
वायरल क्या हुई, सरकार ने तमाम सरकारी-गैर सरकारी संस्थाओं ने आनन -फानन
में दोनों बहनों की वीरांगना का दर्जा दे सम्मानित करने का फैसला ले लिया।
वहीं बस में घटना के दौरान के चश्मदीद लोगों ने लड़कों को निर्दाेष
बताया तो दोनों बहनों के आरोपों पर सवाल उठने लगे। लड़कियों के पिता ने खुद
को पिछड़ी जाति का बता रसूखदारों द्वारा उनके खिलाफ भूमिका बनाने का आरोप
लगाया तो वहीं आरोपी लड़कों के पक्ष में ग्रामीणों ने सीएम से मुलाकात कर
मामले को झूठा बताते हुए केस रद्द कराने की मांग की।
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