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18 दिसंबर 2014

एक विधायक को सी एम एच ओ को आखिर सख्ती से गालिया क्यों बकना पढ़ी

कोटा में एक विधायक को सी एम एच ओ को आखिर सख्ती से गालिया क्यों बकना पढ़ी ,,,,,अगर अफसरों की चमचागिरी करने वाले लोग ,,,,ज़रा जनता और पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच ,,,,,,उठ बैठ कर देखेंगे तो वोह बेसाख्ता कहेंगे,,,,, के विधायक जी सही बिलकुल सही थे ,,,,,उनके पास इस कार्यवाही के अलावा कोई दुसरा विकल्प शेष नहीं था ,,सभी लोग जानते है के कांग्रेस के बेहतर से बेहतर काम करने के बाद भी मंत्रियों से घिरे नौकरशाहों के कोकस की बदौलत कार्यकर्ता नेताओं से दूर होते चले गए और फिर चुनाव में नतीजे देखने को मिले ,,,,कांग्रेस के कार्यकर्ता अपने सीने पर हाथ रखकर सोचे,,, वोह सत्ता के दौरान मंत्रियों और नेताओं के लिए,, अधिकारीयों के सामने ,,,,दोयम दर्जे के हो गए थे ,,उनका मंत्री हमेशा अफसरों की सुनते कार्यकर्ताओं के खिलाफ अफसरों की चुगली के बाद कार्यकर्ताओं की क्लास लेते ,,,,कई मंत्री जिन्हे कार्यकर्ता भगवान से भी बढ़ा दर्जा देकर सर पर बिठाता था वोह मंत्री अपने कार्यकर्ताओें के सामने अधिकारीयों से कहते थे के मेरे कार्यकर्ताओं की कोई सिफारिश मानने की ज़रूरत नहीं है ,,,,, कांग्रेस कार्यकर्ता निराशा के दौर में था ,,मंत्रियों की तो छोड़िये ,,,मुख्यमंत्री रहते हुए ,,,अशोक गेहलोत के समक्ष प्रदेश स्तरीय पार्टी पदाधिकारियों की बैठक में जब ,,,जन प्रतिनिधि और पार्टी पदाधिकारियों ने राजस्थान में नौकरशाह की दादागिरी की शिकायत की तो,, इन्ही अशोक गेहलोत ने कहा था के कलफ के सफेद कुर्ते पायजामा पहनने से कुछ नहीं होता इन कुर्ते पायजामों से नौकरशाह नहीं डरेंगे ,,,,,तब राजस्थान के कांग्रेस कार्यकर्ताओं के लिए आत्महत्या का दिन और नौकरशाहों के लिए कांग्रेस को बंधक बनाने का दिन था ,,,अब सरकार बदल गयी है लेकिन अफसर नहीं बदले उनका वही बिगड़ापन ,,वही बदतमीज़ी ,,पहले कोटा के संभागीय आयुक्त ने अपनी बदतमीज़ी का निशाना सांसद ओम बिरला को बनाया ,,फिर थानाधिकारियों ने भाजपा कार्यकर्ताओं से बदतमीज़ी की जिसका सबक उन्हें मिला ,,अब नौकरशाह जो कांग्रेस के शासन में नेताओं जनप्रतििनिधियों का अपमान कर तिरस्कार कर खुश होते थे ,,उनके लिए तो भाजपा के नेताओं के लिए भी यही रवय्या है ,,,एक तरफ मुख्यमंत्री जन्पर्तीिनिधियों से इज़्ज़त से पेश आने ,, उनके बताये हुए काम करने ,,,उनके पत्रों का तुरंत जवाब देने ,,उनसे विनम्रता से पेश आने के परिपत्र निकाल कर अफसरों को पाबंद कर रही है और दूसरी तरह एक विधायक के बार बार कहने पर भी एक अदना सा सी एम एच ओ उन्हें चक्कर पर चक्कर दे रहे है ,,,,आखिर एक विधायक का सब्र देखिये ,,उसकी बेबसी देखिये ,,,उसका अपमान देखिये के सत्ता पक्ष के विधायक का काम नहीं हो रहा ,,,क्यों नहीं हो रहा उसके लिए अख़बार में निजी दुश्मनी निकालते हुए गलत खबर छापने से कोई गलत नहीं हो जाएगा ,,दरअसल यह नौकरशाह कांग्रेस के राज में पार्टी के कार्यकर्ताओं से ज़्यादा नेताओं के चमचे ओट चहेते थे ,,खूब खाया खूब खिलाया ,,अब यह अफसर भाजपा की गुटबाज़ी का फायदा उठाकर किसी विशेष गुट के कार्यकर्ता बनकर काम कर रहे है ,,,विरोधी भाजपा गुट वालों का नौकरशाहों द्वारा दूसरे प्रभावशाली भाजपा के गुट के कहने में आकर तिरस्कार और अपमान क्या वाजिब बात है ,,प्रह्लाद गुंजल की पूरी वार्तालाप सुनिए उनकी आवाज़ में गुस्से के साथ साथ जनप्रतिन्धियों और भाजपा कार्यकर्ताओं की उपेक्षा का दर्द है ,, उनकी आवाज़ में बेबसी है ,,उनकी आवाज़ में बेचारगी है के आखिर वोह कब तक ,कब तक ,सब्र रखे ,,,,,,,,,उनकी आवाज़ में भाजपा की अंदरुनी कलह ,,गुटबाज़ी की पीड़ा है ,,,,सी एम एच ओ को लताड़ शायद इसीलिए मजबूरी हो ,,अगर नौकरशाह जनप्रतिनदियों से बढ़े हुए तो क़यामत आ जायेगी ,,इसलिए ऐसे नौकरशाह जो जन्पर्तीिनिधि वोह भी सत्ता पक्ष के प्रतिनिधियों की अगर बात नहीं सुनते तो उन्हें सबक सिखाने की मांग उठना चाहिए ,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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