एक कार में पति पत्नी दोनों जा रहे थे उन्हें कुछ बंदूकधारी आतंकवादियों ने
रोका उनसे नाम और धर्म पूंछा उन्होंने डर के मारे खुद को मुसलमान बता दिया
,,इस पर आतंकवादियों के सरदार ने क़ुरआन की आयत पढ़ने के लिए कहा ,,,,तब इस
व्यक्ति ने कुछ काव्य के अलफ़ाज़ पढ़ दिए ,,आतंकवादियों ने श्लोक सुने और
दोनों पति पत्नी को जाने दिया ,,पत्नी ने कहा के आपने इतनी बढ़ी रिस्क क्यों
ली ,,,अगर वोह क़ुरआन जानते तो फिर ज़िंदगी से हाथ धो बैठते ,,,पति ने कहा
के क़ुरआन पढ़ने और जानने वाला कभी भी आतंकवादी नहीं हो सकता ,,,,,इसीलिए
मेने यह रिस्क लिया है ,,,अख्तर
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