आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

11 दिसंबर 2014

इसीलिए मेने यह रिस्क लिया है

एक कार में पति पत्नी दोनों जा रहे थे उन्हें कुछ बंदूकधारी आतंकवादियों ने रोका उनसे नाम और धर्म पूंछा उन्होंने डर के मारे खुद को मुसलमान बता दिया ,,इस पर आतंकवादियों के सरदार ने क़ुरआन की आयत पढ़ने के लिए कहा ,,,,तब इस व्यक्ति ने कुछ काव्य के अलफ़ाज़ पढ़ दिए ,,आतंकवादियों ने श्लोक सुने और दोनों पति पत्नी को जाने दिया ,,पत्नी ने कहा के आपने इतनी बढ़ी रिस्क क्यों ली ,,,अगर वोह क़ुरआन जानते तो फिर ज़िंदगी से हाथ धो बैठते ,,,पति ने कहा के क़ुरआन पढ़ने और जानने वाला कभी भी आतंकवादी नहीं हो सकता ,,,,,इसीलिए मेने यह रिस्क लिया है ,,,अख्तर

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...