मुख्य न्यायाधीश कल्याण ज्योति सेनगुप्ता और
न्यायाधीश संजय कुमार की पीठ ने कहा ‘हमें यकीन है कि जिन हस्तियों के
चित्र और मूर्तियां सड़कों पर लगाई जाती है, उन्हें भी यह अच्छा नहीं लगता
होगा. संबंधित संस्थाओं से अनुमति लिए बिना इस तरह के ढांचे खड़े कर दिए
जाते हैं।’
पीठ, प्रकाशम जिले के नागरिक एस.
मुरलीकृष्णा की याचिका पर सुनवाई कर रही थी. जिनकी मांग थी कि जिले की दो
पंचायतों के सरपंचों को 15 फीट चौड़ी सड़क पर मूर्ति लगाने के लिए मंचनुमा
ढांचा बनाने से रोके.
इस पर बेंच ने कहा कि इस तरह के ढांचे किसी अराजक राष्ट्र में ही खड़े किए जाते हैं, लोकतंत्र में नहीं.
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