भोपाल. साउथ
टीटी नगर में रविवार की रात किसी मां ने अपनी नवजात बच्ची को कचरे के ढेर
के पास छोड़ दिया। जिस समय लोग ठंड से बचने के लिए अपने-अपने घरों में बंद
हो रहे थे, तब यह बच्ची खुले में पड़ी रो रही थी।
चींटियां उसके चेहरे को काट रही थीं। दर्द के चलते वह मासूम करीब एक
घंटे तक वहां पड़ी तड़पती और रोती रही। संयोगवश पास के लोगों की नजर उस पर
पड़ी। उन्होंने उसे अस्पताल पहुंचाया। जहां बच्ची की हालत नाजुक बनी हुई
है।
दिल दहला देने वाली यह घटना दीपशिखा स्कूल के पास की है। यहां रहने
वाले राजीव पटेल ने बताया कि रविवार की शाम करीब सात बजे उन्हें किसी बच्चे
के लगातार रोने की आवाज आई। उन्हें लगा कि आस-पड़ोस के मकान में कोई बच्चा
रो रहा होगा। जब करीब एक घंटे तक रोने की आवाज नहीं रुकी तो पटेल घर से
बाहर निकले। अपने पड़ोसियों को बुलाया। उन्होंने पाया कि स्कूल के पिछले
हिस्से से रोने की आवाज आ रही है। उन्होंने वहां जो कुछ देखा, उससे वे दहल
गए। जमीन पर पड़ी एक नवजात बच्ची चीख-चीखकर रो रही थी। उसके पूरे चेहरे पर
चींटियां चल रही थीं।
लोगों ने 108 एंबुलेंस को फोन किया। कुछ देर बाद एंबुलेंस आई और उसके
ईएमटी अभिषेक श्रीवास्तव ने बच्ची को उठाकर सफाई की। मां से उसे अलग करने
वाली नाल अभी लाल और गीली थी। इसका मतलब साफ था कि यह बच्ची दो-तीन घंटे
पहले ही इस दुनिया में आई है। लगातार ठंड में रहने के कारण बच्ची के शरीर
का तापमान काफी गिर चुका था। उसे फौरन वॉर्मर दिया गया। फिर ऑक्सीजन देते
हुए उसे कमला नेहरू अस्पताल ले जाया गया।
वेंटिलेटर पर लड़ रही जिंदगी से जंग
डॉक्टरों ने इस नवजात को कमला नेहरू अस्पताल के बच्चा वार्ड में वेंटिलेटर पर रखा है। डॉक्टर फिलहाल उसकी हालत स्थिर बता रहे हैं, लेकिन क्या वह ठीक होगी, इसका जवाब उनके पास नहीं है। 108 एंबुलेंस के ड्राइवर फइमुद्दीन की सूचना पर रविवार रात 9:30 बजे टीटी नगर थाने के एएसआई श्यामदेव वर्मा भी अस्पताल पहुंच गए और कानूनी कार्रवाई पूरी की। एएसआई ने भास्कर से बताया कि अस्पताल से स्वस्थ होने के बाद बच्ची को किसी शिशु संरक्षण गृह के हवाले कर दिया जाएगा।
डॉक्टरों ने इस नवजात को कमला नेहरू अस्पताल के बच्चा वार्ड में वेंटिलेटर पर रखा है। डॉक्टर फिलहाल उसकी हालत स्थिर बता रहे हैं, लेकिन क्या वह ठीक होगी, इसका जवाब उनके पास नहीं है। 108 एंबुलेंस के ड्राइवर फइमुद्दीन की सूचना पर रविवार रात 9:30 बजे टीटी नगर थाने के एएसआई श्यामदेव वर्मा भी अस्पताल पहुंच गए और कानूनी कार्रवाई पूरी की। एएसआई ने भास्कर से बताया कि अस्पताल से स्वस्थ होने के बाद बच्ची को किसी शिशु संरक्षण गृह के हवाले कर दिया जाएगा।
यहां तो मां ने ही मार डाला था
वल्लभ नगर के पास झाड़ियों में दस दिन पहले जहांगीराबाद पुलिस ने एक नवजात का शव बरामद किया था। जन्म के बाद उसे यहां फेंका गया था। यह शव भी एक बच्ची का था। जांच के बाद पुलिस ने आरोपी अज्ञात मां के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया है।
वल्लभ नगर के पास झाड़ियों में दस दिन पहले जहांगीराबाद पुलिस ने एक नवजात का शव बरामद किया था। जन्म के बाद उसे यहां फेंका गया था। यह शव भी एक बच्ची का था। जांच के बाद पुलिस ने आरोपी अज्ञात मां के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया है।
सरकारी दावा- कागजों में बढ़ रही हैं बेटियां
सरकारी कागजों में बेटियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। सीएमएचओ डॉ. पंकज शुक्ला ने बताया कि एनुअल हेल्थ सर्वे-2013 के मुताबिक भोपाल में एक हजार लड़कों पर 916 लड़कियां हैं। वर्ष 2012 में एक हजार लड़कों पर 912 लड़कियां थीं। इस वर्ष 2014 की अप्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक एक हजार लड़कों पर 925 लड़कियां हो चुकी हैं।
सरकारी कागजों में बेटियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। सीएमएचओ डॉ. पंकज शुक्ला ने बताया कि एनुअल हेल्थ सर्वे-2013 के मुताबिक भोपाल में एक हजार लड़कों पर 916 लड़कियां हैं। वर्ष 2012 में एक हजार लड़कों पर 912 लड़कियां थीं। इस वर्ष 2014 की अप्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक एक हजार लड़कों पर 925 लड़कियां हो चुकी हैं।
भोपाल में 1000 लड़कों पर लड़कियों का अनुपात
वर्ष अनुपात
2012 912
2013 916
2014 925
वर्ष अनुपात
2012 912
2013 916
2014 925
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