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04 दिसंबर 2014

कोटा में लड़कियों के सोफिया स्कूल के पास वल्ल्भबाडी में स्थित भंवरशाह तकिया वक़्त सम्पत्ति के पास स्थित हज़रत अहमद अली उर्फ़ बाबा जंगलीशाह का अस्थाना अक़ीदत मन्दो की आस्था का केंद्र बिंदु है

राजस्थान की शिक्षा नगरी कोटा में लड़कियों के सोफिया स्कूल के पास वल्ल्भबाडी में स्थित भंवरशाह तकिया वक़्त सम्पत्ति के पास स्थित हज़रत अहमद अली उर्फ़ बाबा जंगलीशाह का अस्थाना अक़ीदत मन्दो की आस्था का केंद्र बिंदु है ,,,यहां अकीदतमंदों का कहना है के इनके दरबार में जो भी सच्चे मन से आया है वोह खाली हाथ नहीं लोटा है लेकिन अगर इनके दरबार के प्रति किसी ने उपेक्षा जताई है तो उसे राजा से फ़क़ीर बनाने में भी कोई कसर नहीं छोड़ी है ,,जिांदगी के उतारचढ़ाव देखने वाले आस्थावानों का कहना है के हज़रत अहमद अली उर्फ़ जंगलीशाह बाबा पहुंचे हुए फ़क़ीर है जिनकी खिदमत पहले हाजी शकूर साहब हमदर्द किया करते थे अब उनके सुपुत्र खलीफा हाजी अज़ीज़ जावा और रशीद जावा खिदमतगार बने है ,,,,,,,फ़क़ीरी की गुमनाम ज़िंदगी जी रहे हज़रत अहमद अली उर्फ़ जंगलीशाह बाबा ने सैकड़ों बार पैदल हज किया है और इबादत में तल्लीन रहकर उन्होंने मुल्क और मुल्क के लोगों की खुशहाली अमन चेन की दुआएं  मांगी है जो क़ुबूल भी हुई है ,,,,इनके मुरीद ,,इनसे फेज़ उठाकर इनके होजाने वाले मुरीदों की संख्या हज़ारों हज़ार में है  जो देश के ही नहीं पाक्सितान और बंगलादेश के भी कोने कोने में मौजूद है ,,,,,,कोटा में इस आस्थाने पर व्यवसायीकरण  होने के बाद सियासी लुटेरों ने इसे लूट का अड्डा बना दिया ,,बाबा की सम्पत्ति पर व्यवसायिक धूमधड़ाके हुए ,,गरीबों को फेज़ पहुंचाने के लिए बनी इमारत लोगों ने पेट पालने का ज़रिया बना लिया ,,,आस्थाने पर चादर चढ़ाने और फूल पेश करने वालों की बल्ले बल्ले है ,,मौलाना असारुल हक़ इसी आस्थाने की दुआ  राजयसभा सदस्य फिर देश की राजनीति के सिरमौर बने ,,,,बरकतुल्ला खान इसी आस्थाने के आशीर्वाद से मुख्यमंत्री बने ,,,डॉक्टर अबरार इसी आस्थाने की दुआओं से राजयसभा सदस्य और केंद्र में मंत्री बने ,,,  दुर्रू मिया इसी आस्थाने की दुआओं वजह से राज्य में मंत्री बने ,मौलाना फज़ले हक़ इसी आस्थाने की दुआओं से विकट  परिस्थतियों में भी राजस्थान मदरसा बोर्ड के चेयरमेन बने ऐसे कई हज़ार लोग है जिनकी नवाज़िश इसी आस्थाने की दुआओं से हुई है नौकरी लगना ,,व्यवसाय में तरक़्क़ी होना ,,बच्चे वगेरा होना तो इनकी दुआओं से आम बात है ,,लेकिन ठीक इसके खिलाफ जिसने भी इस आस्थाने की बेहुरमती की या फिर इस  परिसर में आकर भी आस्थाने पर फूल पेश नहीं किये या फिर सियासत की तो उन्हें लोगों ने आफताब  ज़र्रा होकर मिटटी में मिलते देखा है ,,,,,,अशोक गेहलोत मुख्यमंत्री बने कोटा आये परिसर में गए लेकिन आस्थाने पर फूल पेश नहीं किये नतीजा सकारात्मक कार्य होने के बाद भी उनका वुजूद मिटटी में मिलते लोगों  ने देखा है ,,कई अधिकारी अफसरों का मुंह मोड़ना उन्हें महंगा पढ़ा है और वोह नौकरी  में परेशान रहे है खुद शान्ति धारीवाल जिनकी महनत और लगन से यह आस्थाने की सम्पत्ति तैयार हुई है वोह खुद सियासी चालों में आकर अशोक गेहलोत की कोटा यात्रा के दौरान इस आस्थाने को भूल गए तो आज वोह देखिये मुसीबत में फंसे है ,,,भाजपा के ओम बिरला इस आस्थाने पर अक़ीदा रखते है तो उनकी नवाज़िश लगातार बढ़ोतरी पर है वोह अजय है उनेह कोई हरा नहीं सका है ,,,,,,,,,,,,,बाबा जंगलीशाह के उर्स आगामी दस मार्च से होने जा रहे है जिसके लिए उर्स कमेटी के सदर हाजी रशीद जावा ,,गद्दी नशीन अज़ीज़ जावा ,,,नायब गद्दी नशीन फारूक जावा मिलजुलकर सूफियाना माहोल बनाने वाले कव्वालों की खोज में जुटे है ,,,,,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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