पेशावर। सिडनी के लिंट कैफे में हुए आतंकी हमले के एक दिन बाद पाकिस्तान
के पेशावर में आर्मी स्कूल पर हुए आतंकी हमले में 141 लोगों की मौत हो गई
है। इनमें 132 बच्चे हैं। पुलिस के मुताबिक, आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन बंद
हो चुका है। 141 आम लोगों के अलावा सभी सात आतंकी भी मारे जा चुके हैं।
पाकिस्तान सेना के प्रवक्ता असीम बजावल ने ऑपरेशन खत्म होने की पुष्टि की
है। उन्होंने बताया कि स्कूल में स्टाफ सहित कुल 1100 लोग थे। इनमें से 960
लोगों को बचाया जा चुका है। सेना ने हमला करने वाले गुट की भी पहचान करने
का दावा किया है। हालांकि, नाम का खुलासा नहीं किया गया है। वहीं, पेशावर
शहर में भी सड़कों पर बम धमाके हो रहे हैं। रिंग रोड पर पाकिस्तान पीएम के
सुरक्षा सलाहकार आमिर मुकाम की कार को निशाना बनाकर धमाका किया गया। वे
बाल-बाल बचे। वे अस्पताल से घायल छात्रों से मिलकर लौट रहे थ
इससे पहले स्कूल में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के
सातआतंकियों ने धावा बोल कर अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी और 500 से ज्यादा
बच्चों को बंधक बना लिया था। सेना की कार्रवाई के बाद एक आत्मघाती हमलावर
ने खुद को उड़ा लिया और पांच को सेना ने ढेर कर दिया। सेना का ऑपरेशन करीब
सात घंटे चला। डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, पूरे सैन्य ऑपरेशन के दौरान 15
धमाके सुने गए। तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान ने इस हमले की जिम्मेदारी ली
है। एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि आतंकियों ने बच्चों को कतार में खड़ा कर गोलियों से भून दिया
कैसे हुआ हमला
आतंकी हमले के तत्काल बाद सुरक्षा बलों ने कैंट एरिया के नजदीक
वार्सक रोड स्थित आर्मी पब्लिक स्कूल को घेर लिया था। जिस वक्त आतंकियों ने
हमला किया, स्कूल में एक कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा था।
स्थानीय पुलिस के अनुसार, सुरक्षा बलों की ड्रेस पहने छह आतंकी स्कूल
में घुसे और अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी। वहीं, चश्मदीदों ने बताया कि
आतंकी अरबी भाषा में बात कर रहे थे।
नवाज शरीफ का बयान
पेशावर में मीडिया से बातचीत करते हुए प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने कहा
कि आतंकियों ने यह हमला, जर्ब-ए-अज्ब के विरोध में किया है। उन्होंने कहा,
"मैं सोचता हूं कि जब तक इस देश से आतंकवाद का सफाया नहीं हो जाता,
दशहतगर्दी के खिलाफ हमारी जंग जारी रहेगी। आतंक के खिलाफ हमें एकजुट होकर
लड़ना होगा। इस तरह के हमलों से देश को टूटना नहीं चाहिए।"
तीन दिन का शोक
हमले के बाद इस्लामाबाद से पेशावर पहुंचे प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने
तीन दिन का शोक घोषित किया है। उन्होंने कहा, "किसी भी हालत में दशहतगर्दी
से समझौता नहीं किया जाएगा।" भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
ने पेशावर में हुए आतंकी हमले की निंदा की है। उन्होंने ट्वीट के जरिए
कहा, "जिन्होंने अपनों को खोया है, मैं उनके साथ हूं। मैं मृतकों के प्रति
दुख और संवेदना व्यक्त करता हूं।" मोदी ने कहा, "यह बेहद क्रूर और
असंवेदनशील कृत्य है, जिसमें सैकड़ों मासूम बच्चों को अपनी जान गंवानी पड़ी
है।"
आतंकियों को दिया गया है बड़े बच्चों को मारने का आदेश
तहरीक-ए-तालिबान प्रवक्ता मोहम्मद खोरासनी ने समाचार एजेंसी एएफपी को
बताया कि स्कूल में छह आतंकी हैं। मोहम्मद खोरासनी ने बताया, "उन्हें
गोलीबारी और आत्मघाती धमाके करने के लिए भेजा है। हमने लड़ाकों को आदेश
दिया है कि बड़े बच्चों को मार डालें, लेकिन छोटे बच्चों को न मारा जाए।"यहां आर्मी स्कूल पर मंगलवार को हुए आतंकी हमले के
कुछ प्रत्यक्षदर्शियों ने खौफनाक दास्तान सुनाई है। एक प्रत्यक्षदर्शी
के मुताबिक आतंकियों ने बच्चों को कतार में खड़ा कर उन पर गोलियां बरसाईं।
हमले में बच गए एक स्टूडेंट ने कहा कि आतंकी भाग रहे बच्चों पर भी
फायरिंग करते रहे। वे तब तक गोलियां बरसाते रहे जब तक बच्चे मर नहीं गए।
घटनास्थल पर मौजूद एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया, "जैसे ही फायरिंग
शुरू हुई, वैसे ही टीचर्स ने छात्रों को झुक जाने का निर्देश दिया। बाद में
सुरक्षाकर्मियों द्वारा हमें बाहर ले जाया गया। हमने कई छात्रों के शव
गलियारों में बिखरे हुए देखे।"
अरबी में बात कर रहे थे आतंकी
एक स्कूली बच्चे ने बताया कि आर्मी के डॉक्टर 9 और 10 क्लास को फर्स्ट
एड के बारे में बता रहे थे। हम सभी हॉल में थे। हॉल के पीछे कच्चे इलाके
से आतंकी आए। उन्होंने पहले छत से फायरिंग की। टीचर्स ने तुरंत सारे दरवाजे
बंद कर दिए, लेकिन आतंकियों ने दरवाजा तोड़ दिया और अंदर आ गए। हम सारे
बच्चे नीचे बैठ गए थे। आतंकी हवा फायरिंग करते और बच्चों को मार रहे थे।
उन्होंने सलवार कमीज पहनी हुई थी और उनकी बड़ी-बड़ी दाढ़ियां थी। वे लोग अरबी
में बात कर रहे थे।
लगा कि चल रही है मिलिट्री ड्रिल
स्कूल के एक लैब अस्टिटेंट ने बताया कि आतंकी एक-एक क्लास में जाकर
फायरिंग कर रहे थे। उनके पास बड़ी-बड़ी बंदूकें थीं। करीब एक घंटे बाद
आर्मी ने उन्हें स्कूल से निकाला।
एक बच्चे ने बताया कि फायरिंग की आवाजें आने के बाद टीचर्स ने बताया
कि मिलिट्री ड्रिल चल रही है। लेकिन बाद में पता चला सात-आठ दहशतगर्द
(आतंकी) स्कूल में घुस आए हैं।
स्कूल बस ड्राइवर जमशेद खान ने बताया कि हम लोग बाहर खड़े हुए थे।
अचानक फायरिंग शुरू हो गई। छात्रों और टीचर्स में चीख-पुकार मची हुई थी। हर
जगह उथल-पुथल थी।
पाकिस्तानी पत्रकार हनीफ खालिब ने बताया कि स्कूल के बाहर बच्चों के माता-पिता चीख-पुकार कर रहे हैं।
तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के प्रवक्ता मोहम्मद खुर्रासानी ने इस हमले
की जिम्मेदारी ली है। मोहम्मद ने एक गोपनीय जगह से मीडिया से बात करते हुए
कहा कि छह आत्मघाती हमलावर हथियारों से लैस थे और उन्हें स्कूल पर हमले का
आदेश दिया गया था। उसने बताया, "सेना द्वारा चलाए जा रहे ऑपरेशन के खिलाफ
यह हमला किया गया है।" उसने बताया कि हमलावरों को स्टूडेंट्स को मारने का
आदेश दिया गया था। उसने यह भी बताया कि हमलावरों ने छोटे बच्चों को जाने
दिया था। खोरसानी ने कहा है कि सेना के ऑपरेशन जर्ब-ए-अज्ब और ऑपरेशन
खैबर-1 के कारण इस हमले को अंजाम दिया गया है। ये दोनों अभियान उस इलाके में चल रहे हैं, जो पांच साल से तालिबान का गढ़ बना हुआ है।
जर्ब-ए-अज्ब : छह महीने में 1200 आतंकी मारे गए
पाकिस्तानी सेना उत्तरी वजीरिस्तान में 15 जून से ऑपरेशन जर्ब-ए-अज्ब चला रही है। पाकिस्तानी सरकार ने इसके लिए सेना को 26 अरब रुपए की मदद दी है। इस वजह से 10 लाख लोग विस्थापित हुए हैं। यह पूरा कबाइली इलाका है। यहां कबीले तालिबान के खिलाफ सेना की मदद कर रहे हैं। इस अभियान से तालिबान को बड़ा नुकसान पहुंचा है। उसके 1200 से ज्यादा आतंकी मारे गए हैं। आतंकियों के कई पनाहगाहों और ठिकानों का पर्दाफाश हुआ है। सेना ने इस इलाके में ऐसा ही ऑपरेशन 2009 में भी चलाया था। लेकिन कुछ वक्त बाद तहरीक-ए-तालिबान वहां फिर मजबूत हो गया।
पाकिस्तानी सेना उत्तरी वजीरिस्तान में 15 जून से ऑपरेशन जर्ब-ए-अज्ब चला रही है। पाकिस्तानी सरकार ने इसके लिए सेना को 26 अरब रुपए की मदद दी है। इस वजह से 10 लाख लोग विस्थापित हुए हैं। यह पूरा कबाइली इलाका है। यहां कबीले तालिबान के खिलाफ सेना की मदद कर रहे हैं। इस अभियान से तालिबान को बड़ा नुकसान पहुंचा है। उसके 1200 से ज्यादा आतंकी मारे गए हैं। आतंकियों के कई पनाहगाहों और ठिकानों का पर्दाफाश हुआ है। सेना ने इस इलाके में ऐसा ही ऑपरेशन 2009 में भी चलाया था। लेकिन कुछ वक्त बाद तहरीक-ए-तालिबान वहां फिर मजबूत हो गया।
खैबर-1 : 400 आतंकियों ने किया सरेंडर
उत्तरी वजीरिस्तान में सफलता मिलती देख पाकिस्तानी सेना ने 17 अक्टूबर खैबर-1 ऑपरेशन शुरू किया था। इसका मकसद था जर्ब-ए-अज्ब के दौरान बच निकले या दूसरे इलाकों में छिपे आतंकियों को ढूंढना। इनमें से 400 आतंकियों ने हाल ही में सरेंडर कर दिया। कई आतंकियों को सेना ने मार गिराया। अभी खैबर-1 अभियान बारा तहसील में चल रहा है।
उत्तरी वजीरिस्तान में सफलता मिलती देख पाकिस्तानी सेना ने 17 अक्टूबर खैबर-1 ऑपरेशन शुरू किया था। इसका मकसद था जर्ब-ए-अज्ब के दौरान बच निकले या दूसरे इलाकों में छिपे आतंकियों को ढूंढना। इनमें से 400 आतंकियों ने हाल ही में सरेंडर कर दिया। कई आतंकियों को सेना ने मार गिराया। अभी खैबर-1 अभियान बारा तहसील में चल रहा है।
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